वाराणसी: जिस काशी में लोग अपने अंतिम संस्कार की कामना लेकर आते हैं, वहीं कलियुगी बेटों ने पेंशन के लालच में मां के शव को पांच महीनों तक घर में छिपाए रखा था. पेंशन हड़पने के लिए उन्होंने इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया. बेटों की करतूत पता चलने पर पुलिस ने भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुण्ड स्थित आवास विकास कॉलोनी स्थित मकान से शव बरामद किया है.


घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक दयाशंकर कस्टम विभाग में सुपरिटेंडेंट थे. कई वर्षों पहले उनकी मौत हो चुकी है. दयाशंकर की मौत के बाद उनकी पत्नी अमरावती देवी को पेंशन मिलती थी. इसी साल 13 जनवरी को अमरावती देवी की भी मौत हो गई.



केमिकल लगाकर रखा था मां का शव


अमरावती देवी की मौत के बाद उनके बेटों रवि प्रकाश, ज्‍योति प्रकाश, गिरीश प्रकाश, योगेश्वर प्रकाश, देवप्रकाश अविवाहित लड़की विजय लक्ष्मी ने उनका अंतिम संस्कार नहीं किया. सभी ने पेंशन की लालच में उनके शव पर केमिकल लगाकर रखा. पेंशन मिलने की तारीख पर उनके अंगूठे का निशान लगाकर पेंशन हड़पते रहे. जब भी पड़ोसी अमरावती के बारे में पूछते थे तो उनके बेटे कह देते थे कि वे बीमारी के कारण घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं.


सीओ भेलूपुर ने बताया कि अमरावती देवी का शव एसी कमरे में चादर में लपेट कर रखा गया था. यह भी संदेह जताया जा रहा है कि शव पर किसी केमिकल का प्रयोग किया गया था ताकि वह सड़े नहीं और न ही उससे बदबू आये.


13 जनवरी को बीएचयू के अस्पताल में हो गई थी अमरावती की मौत


इस मामले में अमरावती देवी के पड़ोसियों का कहना है कि 13 जनवरी को बीएचयू के अस्पताल में अमरावती की मौत हो गई थी. जब उनकी डेडबॉडी घर आई तो अंतिम संस्कार की तैयारियां हो चुकीं थीं लेकिन एक घण्टे बाद ही उनके बेटों ने बाहर आकर बताया कि अमरावती जीवित हैं. जब मोहल्ले वालों ने उनसे मिलने के लिए कहा तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया.