नई दिल्लीः मध्यप्रदेश में हुयी भारी बारिश ने जमीन को भले ही तरबतर कर दिया हो मगर फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है. सोयाबीन की फसल इस बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई है. भोपाल और आसपास के जिलों में सोयाबीन की फसल गल गयी है तो कहीं अफलन का शिकार हो गई है. किसान सरकार से मुआवजे की आस कर रहे हैं तो सरकार ने सर्वे कराने के आदेश दे दिये हैं.
मध्यप्रदेश में भारी बारिश का दौर अब थम गया है इस बारिश से सरकार ने भले ही राहत की सांस ली हो मगर किसान परेशान हो कर अब खेत मे खड़ी अपनी फसल देख रहा है. मध्यप्रदेश की प्रमुख तिलहन की फसल सोयाबीन है मगर उसकी फसल बेहाल है. सिहोर जिले के बमुलिया गांव में पानी से तरबतर खेत को देखकर स्थिति समझ आ जाती है. यहां दस एकड़ के इस खेत में फसल पनप ही नहीं पायी. छोटे छोटे पौधों में अब फूल लगे हैं मगर ये फल नहीं बन पायेंगे. क्योंकि इनके पनपने का वक्त गुजर गया है. सोयाबीन के कुछ खेतों में ज्यादा पानी आने से फसल विकसित नहीं हुयी तो कुछ खेतों में फसल बड़ी तो हुई मगर फल ही नहीं लगे जो लगे हैं जो इल्ली का शिकार हो गये हैं. किसान कह रहे हैं कि फसल में फल नहीं आए.
इस गांव में फसल बड़ी तो दिख रही है मगर किसी काम की नहीं है क्योंकि इसमें फल ही नहीं लग पाये हैं. अब किसान उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब इस फलस को काट कर जानवरों को खिलायें. आमतौर पर एक एकड़ में सोयाबीन की फसल में पंद्रह से बीस हजार रुपये का खर्चा आता है. मगर फसल में हुए नुकसान से किसानों को अब किसी मुनाफे की आस तो रही नहीं बल्कि अब वो सोच रहे हैं कि लागत कैसे वापस आ पायेगी? हालांकि सबको फसल बीमा की आस है. एमपी के बीस से ज्यादा जिलों में सोयाबीन होता है मगर आधे जिलों के किसान परेशान हैं. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सिहोर जिले में किसानों के खेतों का दौरा किया और सरकार से तत्काल मदद देने की मांग की.
मध्यप्रदेश में पिछले सालों में सोयाबीन का उत्पादन घटता जा रहा है. 2016-17 से तुलना करें तो 2017-18 में बीस फीसदी उत्पादन कम हुआ. ऐसे में इस बार की बारिश ने फसल को झटका दिया है. सरकार ने सभी जिलों में सोयाबीन किसानों का सर्वे करने के आदेश दे दिये हैं. आने वाले दिनों में और सर्वे होंगे और किसानों के नुकसान की कैसे भरपाई की जाये इस पर सरकार और प्रशासन सोचेगा. मगर फिलहाल तो किसान घबराए हुए हैं साथ ही इस बार सोयाबीन की फसल का उत्पादन और कम होगा ये तय हो गया है.
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