हापुड़: समाजवादी पार्टी के हापुड़ से विधानसभा प्रत्याशी तेजपाल प्रमुख के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने यहां तहसील चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए सब्जी बांटकर केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया. प्रदर्शन के दौरान तेजपाल प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के चलते किसान को अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण वह सब्जियों को सड़क पर फेंककर भारी नुकसान उठाने को मजबूर हैं.


तेजपाल प्रमुख ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी करके देश गरीब व असहाय जनता को प्रताड़ित करने का काम किया है, जिसके लिए देश व प्रदेश की जनता मोदी व उनकी सरकार को कभी माफ नहीं करेगी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश की एसपी सरकार ने ना सिर्फ विकास के नये आयाम बनाये हैं बल्कि चुनावपूर्व जनता से किये अपने सभी वादे भी पूरे किये हैं.


नोटबंदी से हरित पट्टी क्षेत्र के किसान संकट में: भारतीय किसान यूनियन


भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कहा कि पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोट बंद किये जाने से नकदी की कमी तो सबको सता रही है लेकिन किसानों के लिए नोटबंदी की मार बहुत जोर से लगी दिख रही है. आलम यह है कि फसले तैयार हैं लेकिन किसानों के लिए खेत खाली करना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.


भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने मेरठ में कहा, ‘किसान गेंहूं की बुआई और गन्ने की छिलाई करें या फिर बैंक की लाइन में लगे. नोटबंदी ने तो किसानों को बरबादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है.’


राष्ट्रीय लोकदल के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महासचिव राज कुमार सांगवान ने कहा कि नोटबंदी के फेर में किसानों का गन्ना भुगतान भी अटक गया है. मेरठ जिले की पांच चीनी मिलों ने पेराई सत्र का 69 करोड़ का गन्ना भुगतान कर दिया है. लेकिन, नोटबंदी के चलते किसानों को उनका पैसा बैंक नही दे पा रहे हैं.


कोऑपरेटिव बैंक स्टाफ यूनियन के मंत्री अवधेश सरोज कहते हैं कि किसानों का गन्ना भुगतान मिलों से बैंक खातों में आ रहा है. लेकिन सहकारी बैंकों ने पुराने नोट नही बदले हैं. ऐसे में बैंक के पास पर्याप्त नकदी नही है. इस हालत में बैंक किसानों का भुगतान करे को कैसे करे.