नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए मोदी के खिलाफ किलेबंदी शुरू हो गयी है, यूपी में अखिलेश और मायावती के साथ ने कामयाबी का जो स्वाद चखा है अब उसे 2019 में आजमाने की तैयारी हो रही है. एसपी और बीएसपी के गठबंधन ने 1993 में भी बीजेपी की लहर को रोक दिया था.


2019 में बीजेपी का नारा है मिशन 350, लेकिन उसके इस मिशन की राह में महागठबंधन रोड़े अटका सकता है. उपचुनाव में जिस तरह मायावती और अखिलेश एकजुट हुए हैं, अब पूरे विपक्ष को 2019 में एक साथ मिलकर मोदी के खिलाफ उतारने की चर्चा हो रही है.


दरअसल उपचुनाव के सिर्फ ताजा नतीजे ही नहीं बल्कि 2014 के बाद बीजेपी की जिन 6 सीटों पर चुनाव हुए वहां हर सीट पर उसे हार मिली है. बीजेपी को यूपी के अलावा राजस्थान, एमपी और पंजाब के उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. इन नतीजों से विपक्ष का उत्साह 2019 को लेकर और ज्यादा बढ़ गया है, इसलिए यूपी में हुए एसपी-बीएसपी गठजोड़ को बड़े गठबंधन में बदलने की तैयारी है.


यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "हमारा आपका और समाजवादियों का कभी किसी के प्रति व्यवहार खराब नहीं रहा होगा, यही कारण है कि आज हम लोगों के संबंध सबसे अच्छे हैं, मैं आपसे कहना चाहता हूं कि कांग्रेस से जैसे हमारे संबंध थे अच्छे वो बने रहेंगे."


2019 में बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस महागठबंधन से निपटने की होगी, क्योंकि 1993 में भी उसे एसपी और बीएसपी गठबंधन की ताकत का अहसास हो चुका है और हालिया चुनाव ने भी साबित कर दिया है कि दोनों पार्टियों के संयुक्त वोट बैंक की काट बीजेपी के पास नहीं है.


1993 के चुनाव में समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने बीजेपी को हराने के लिए हाथ मिला लिया, तब बीएसपी संस्थापक कांशीराम जीवित थे. उस समय लग रहा था बीजेपी इतिहास रच देगी, क्योंकि अयोध्या में विवादित ढांचा गिरने के बाद राम नाम की आंधी चल रही थी. उस समय एसपी-बीएसपी के गठबंधन पर एक नारा प्रसिद्ध हुआ था, "मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम." एसपी-बीएसपी के गठबंधन ने बीजेपी को बुरी तरह हरा दिया था.


तब यूपी की कुल 425 सीटों में बीजेपी को 177, एसपी और बीएसपी गठबंधन को 176 सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस की 28 सीटें जोड़कर आंकड़ा 204 का हो गया था. यूपी में दोनो पार्टियों के गठजोड़ से मिली धमाकेदार जीत के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या अब उपचुनाव में जीत का स्वाद चखने वाला ये गठबंधन 2019 में बीजेपी का खेल खराब कर सकता है.

अखिलेश और मायावती ने साथ आकर 2019 की राजनीति के लिए बड़ा संदेश तो दे दिया है. मायावती भी खुलकर बीजेपी पर हमला कर रही हैं. बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा, "बीजेपी और इनकी एनडीए की सरकारें बनी हैं तब से इन्होंने गरीबों, कमजोर तबकों, हर स्तर पर काफी ज्यादा शोषण और उत्पीड़न किया है"


ज़ाहिर है 2019 में बीजेपी के मिशन 350 को अखिलेश, माया और राहुल के मजबूत गठबंधन का सामान करना पड़ सकता है.