मायावती की सख्ती
इन दिनों मायावती हर कदम बेहद फूंक-फूंक कर रख रही हैं. उन्होंने उपाध्यक्ष रहे जय प्रकाश सिंह को बाहर का रास्ता दिखा दिया तो वहीं वरिष्ठ नेता वीर सिंह अब पार्टी में ही हाशिए पर चले गए हैं. उन्होंने कॉर्डिनेटर बैठक में सभी को गठबंधन पर ना बोलने की हिदायत दी.
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माया को नहीं गठबंधन से परहेज
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी ने जेडीएस से चुनावी गठबंधन किया था. पार्टी का एक ही विधायक चुना गया. कांग्रेस और जेडीएस की सरकार में बीएसपी भी साझीदार है. हरियाणा में पार्टी पहले ही इंडियन नेशनल लोकदल से गठबंधन कर चुकी है. छत्तीसगढ़ में मायावती ने अजीत जोगी की पार्टी से चुनावी समझौता किया है. अब मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन की तैयारी है. बातचीत आख़िरी दौर में है. लोकसभा चुनाव के लिए मायावती ने यूपी में अखिलेश यादव से समझौता फ़ाइनल कर लिया है.
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कौन-कौन होगा महागठबंधन में
अभी तक की जानकारी के मुताबिक मायावती इस गठबंधन में कांग्रेस के लिए भी जगह चाहती हैं लेकिन अखिलेश यादव को इस पर एतराज़ है. अखिलेश राष्ट्रीय लोकदल को इसमें शामिल करना चाहते हैं. एसपी-बीएसपी के इस गठबंधन में और कितनी पार्टियां साथ आएंगी फिलहाल इस पर स्थिति साफ नहीं है.
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गठबंधन का चेहरा कौन
बदले राजनौतिक माहौल में मायावती एक मजबूत चेहरा बन कर उभरी हैं. बीएसपी कॉर्डिनेटर्स की बैठक में कहा गया था कि कार्यकर्ता मायावती को पीएम बनाने के लिए जुट जाएं. दूसरी ओर अखिलेश यादव कह चुके हैं कि वे पीएम नहीं बनना चाहते और सीएम बन कर खुश हैं. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि गठबंधन पीएम पद का उम्मीदवार आपसी बातचीत के बाद तय कर लेगा.
किसको कितनी सीटें
यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. अब तक तो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रही पार्टी को उस सीट से टिकट देने का फ़ार्मूला चल रहा है लेकिन इसमें कई पेंच हैं. समाजवादी पार्टी तो बीएसपी के दबदबे वाले इलाक़े में भी कुछ सीटें चाहती है. पिछले लोकसभा चुनाव में एसपी 31 और बीएसपी 34 सीटों पर दूसरे नंबर पर थीं.
इसके अलावा कांग्रेस 6 जबकि आरएलडी और आप एक एक सीट पर दूसरे नंबर पर थी. अब तक के फ़ार्मूले के हिसाब समाजवादी पार्टी को 36 सीटें मिलनी चाहिए. पिछले लोकसभा चुनाव में एसपी 5 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
देखना ये भी होगा कि इस गठबंधन में कांग्रेस और आरएलडी को कितनी सीटें मिलेंगी. अखिलेश यादव पहले ही कन्नौज से और मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं. माना तो ये भी जा रहा है कि मायावती खुद अंबेडकरनगर या फिर बिजनौर की नगीना सीट से चुनाव लड़ सकती हैं.