नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 से पहले देश के सबसे बड़े सियासी राज्य उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं मिली है. गठबंधन में जगह न मिलना कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया नेABP न्यूज से बातचीत में कहा है कि एसपी-बीएसपी के गठबंधन में कांग्रेस जगह बनाने की कोशिश तो कर रही है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस अपने दम पर यूपी में चुनाव में उतरेगी.


ABP न्यूज से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा, ''कोशिश तो जरूर की जा रही है के महागठबंधन में कांग्रेस को भी जगह मिले. गठबंधन में जगह नहीं मिल पा रहा है तो इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस कमजोर है. यूपी में कांग्रेस सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. पार्टी न सिर्फ चुनाव लड़ेगी बल्कि जीतेगी भी.''


बता दें कि, शनिवार को बीएसपी अध्यक्ष मायावती और एसपी चीफ अखिलेश यादव पहली बार एक साथ मीडिया से मुखातिब होंगे. माना जा रहा है कि दोनों गठबंधन की आधिकारिक ऐलान करेंगे. इससे पहले आज मायावती और अखिलेश की लखनऊ में मुलाकात होगी. दोनों के बीच बैठक में सीटों को लेकर अंतिम मुहर लग सकती है.


सूत्रों की माने तो दोनों पार्टियां 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य में कुल 80 सीटें हैं. बाकी के बजे छह सीटों को अन्य दलों के साथ बांट दिया जाएगा. दोनों पार्टियां कांग्रेस की परंपरागत सीटें अमेठी और रायबरेली छोड़ सकती है. यूपी में 2014 के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीटें ही जीत पाई थी. यहां से राहुल गांधी और सोनिया गांधी सांसद हैं.


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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस तीनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई थी. वहीं बीएसपी का खाता भी नहीं खुला था. एसपी ने पांच सीटों पर कब्जा जमाया था जबकि कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी.


लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. हालांकि गठबंधन को खास सफलता नहीं मिल पाई थी. विधानसभा की कुल 403 सीटों में कांग्रेस मात्र सात और समाजवादी पार्टी 47 सीट जीतने में कामयाब रही. तब बीएसपी 19 सीटों पर सिमट गई थी. बीजेपी ने 312 सीटों पर कब्जा जमाया था.


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