लखनऊ: केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है कि लोकसभा चुनावों के लिए एसपी-बीएसपी के बीच कोई भी समझौता दो ‘अवसरवादी’ लोगों के राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिये केवल "सीमित अवधि" की साझेदारी होगा और यह दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होगा.


राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को विश्वास है कि एनडीए 2019 में 2014 के लोकसभा चुनावों के अपने प्रदर्शन को दोहराएगी.


2014 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाले राजग को लोकसभा की 80 में से 73 सीटें मिली थीं, जिनमें अपना दल के दो सांसद शामिल थे.


समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने पिछला आम चुनाव अलग-अलग लड़ा था.उन्होंने संकेत दिए हैं कि दोनों दल बीजेपी से मुकाबला करने के लिए 2019 का आम चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे.


अनुप्रिया पटेल ने कहा, "उत्तर प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति को पता है कि एसपी और बीएसपी मोदीजी को रोकने के लिए एक साथ आ रहे हैं. एसपी-बीएसपी हमेशा एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी रहे हैं.’’ एसपी-बीएसपी गठबंधन की बातचीत को "अवसरवाद" बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोग इस गठबंधन को स्वीकार नहीं करेंगे.


उन्होंने कहा कि इन दो दलों की पूरी राजनीति "एक-दूसरे के विरोध’’ पर आधारित है.


उन्होंने कहा, "यह दो दलों का गठबंधन नहीं होगा बल्कि राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिये दो व्यक्तियों के बीच साझेदारी होगी.’’


उन्होंने कहा कि बीजेपी और अपना दल के मुकाबले इन "दो अवसरवादियों" के बीच कोई तालमेल नहीं है.


मायावती पर भी साधा निशाना


मायावती का नाम लिये बिना अनुप्रिया ने कहा कि गठबंधन में रहना बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व के स्वभाव में नहीं है. उन्होंने यह भी दावा किया कि ये दोनों पार्टियां एक साथ 2019 का आम चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अगले राज्य विधानसभा चुनावों में उनका साथ रहना लगभग असंभव है.


अगले आम चुनावों में राजग की संभावनाओं पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कद के बराबर का कोई नेता नहीं है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के आगे नहीं टिक पाएगा  एसपी-बीएसपी गठबंधन 


केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा, "यहां तक ​​कि एसपी-बीएसपी गठबंधन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के आगे नहीं टिक पाएगा." गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा सीटों के लिये हुए उपचुनाव में बीजेपी नीत राजग को मिली हार के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने इसके लिये स्थानीय कारकों को जिम्मेदार ठहराया.


पिछले चार वर्षों में मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कल्याणकारी कदमों का हवाला देते हुए, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सांसद पटेल ने कहा कि लोगों ने उनके काम की सराहना की है.2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश राजग के लिये काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजता है.