रामपुर: सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती ही नजर आ रही हैं. रामपुर जिला प्रशासन का शिकंजा उन पर और कसता जा रहा है. आजम खान के आवास पर पुलिस ने फिर चार नोटिस और चस्पा किये हैं. पुलिस के नोटिसों से आज़म खान के घर का दरवाजा पट गया है. यह नोटिस जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीन कब्जा करने को लेकर लगाए गए हैं. जो किसानों ने आजम खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
आजम खान के साथ-साथ पूर्व सीओ आले हसन और तत्कालीन एसओ अजीमनगर कुशल वीर सिंह के खिलाफ भी यह नोटिस जारी किए गए हैं.
इस मामले पर हमने सीओ सिटी सत्यजीत गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि 4 मुकदमों में यह नोटिस लगाई गई है. आजम खान के बयान लिया जाना अभी बाकी है इससे पहले भी नोटिस लगाई गई थी लेकिन आज़म खान पुलिस के सामने नहीं आये थे. अब फिर नोटिस लगाये गये हैं ताकि उनके बयान हो सकें.
सीओ सिटी ने कहा कि आगे भी नोटिस दिए जाएंगे, अगर तब भी आरोपी अपनी बात रखने नहीं आते हैं तब कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में आज़म खान की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट रोक लगा चुका है.
बता दें कि आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने आज़म खान के खिलाफ किसानों की ज़मीन कब्ज़ा करने के मामले में दर्ज उनतीस मुकदमों के अमल पर रोक लगा दी है. पुलिस या कोई भी दूसरी जांच एजेंसी इन मुकदमों में हाईकोर्ट की रोक जारी रहने तक आज़म व दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकती है.
इन उनतीस मुकदमों में आज़म खान फौरी तौर पर गिरफ्तार भी नहीं हो सकेंगे. अदालत ने इस मामले में यूपी सरकार से डिटेल्स हलफनामा मांगा है. इतना ही नहीं अदालत ने बीजेपी नेता और आज़म के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी जयाप्रदा को नोटिस जारी कर उनसे भी जवाब तलब कर लिया है. आज़म खान ने अपनी अर्जी में जयाप्रदा को भी पक्षकार बनाया था.
इन मामलों में आज़म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले किसानों ने भी हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर रखी थी. किसानों के एतराज के बावजूद एफआईआर के अमल होने पर रोक के अदालत के फैसले को आज़म को मिली बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है.
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