पटना: बिहार में विशेष राज्य का दर्जा बीजेपी के लिए गले को हड्डी बन गई है. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज इशारों में कहा कि अब ये मुश्किल है. बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग की बात को 14वें वित्त आयोग ने नहीं माना. अब ये मसला 15 वें वित्त आयोग के हाथों में है.


राधामोहन सिंह ने कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कहा कि राज्यों को उनके हिसाब से पैसा मिले ताकि वो ज़रूरत के हिसाब से खर्च करें. जब प्रधानमंत्री बने तो यही हुआ. राधामोहन सिंह से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार की मांग जायज़ है, तो वो इस सवाल को वो टाल गए. उन्होंने ये भी कहा को वो मोतिहारी के सांसद नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री की हैसियत से बोल रहे हैं.


जाहिर है विशेष राज्य के दर्जे को लेकर बीजेपी के सामने मुश्किल है. खास तौर पर तब जब नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर बीजेपी पर नोटबंदी जैसे फैसले पर निशाना साध रहे हैं. बीजेपी अभी तक बचाव की मुद्रा में है लेकिन जेडीयू अपनी मांग पर खुलकर सामने है.


जेडीयू प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने कहा ये मांग पुरानी है और हमें हमारा हक मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर 14 वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य के दर्ज़ा को खत्म किया है तो 15 वें वित्त आयोग को फिर से बहाल करना चाहिए. वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने भी माना है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ज़रूरी है. ऐसे में उम्मीद करते हैं कि ये होना चाहिए. वहीं बिहार बीजेपी के नेता इस मांग पर उत्साहित नहीं हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने ट्वीट कर इस मुद्दे को मैदान में रख दिया है.