इलाहाबाद : SSC अभ्यर्थियों ने जमकर किया हंगामा, सड़कें जाम कीं, लाठी-डंडों के साथ निकाला मार्च
इलाहाबाद में एसएससी के रीजनल दफ्तर पर कई राज्यों से आए एक हजार से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने सड़कों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. साथ ही उन लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इलाहाबाद : एसएससी यानी स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की भर्तियां इन दिनों विवादों के घेरे में हैं. साल 2011 में पैरा मिलिट्री फोर्स में कांस्टेबल के 72 हजार पदों पर भर्ती के लिए शुरू की गई प्रक्रिया में अब तक तकरीबन 28 हजार पद खाली रहने से नाराज़ अभ्यर्थियों ने आज इलाहाबाद में जमकर हंगामा किया. इलाहाबाद में एसएससी के रीजनल दफ्तर पर कई राज्यों से आए एक हजार से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने सड़कों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. साथ ही उन लोगों ने केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी कई बार हिंसक हो गए
प्रदर्शनकारियों ने एसएससी दफ्तर से लेकर हाईकोर्ट तक लाठी डंडों के साथ मार्च किया. इस दौरान रास्ता बंद किए जाने से सड़कों पर जगह-जगह लम्बा जाम लग गया और लोग तीखी धूप और उमस भरी गर्मी में परेशान हो गए. प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी कई बार हिंसक हो गए. मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस में तीखी झड़प भी हुई. पुलिस अफसरों ने भारी संख्या में एकजुट हुए अभ्यर्थियों को समझा बुझाकर शांत कराया. प्रदर्शनकारियों ने एसएससी और केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठाए तो साथ ही हाईकोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई.
चार साल से ज़्यादा का वक्त बीतने के बावजूद आज तक सभी पदों को भरा नहीं जा सका
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के मुताबिक़ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेंट्रल पुलिस फ़ोर्स के बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और असम राइफल्स फ़ोर्स में सिपाहियों के 72309 पदो पर भर्ती के लिए फरवरी 2011 में विज्ञापन निकाला. यह भर्तियां स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के जरिए कराई गईं थीं. फिजिकल, रिटेन और मेडिकल टेस्ट के बाद नवम्बर 2011 में सिर्फ 44152 सफल लोगों की लिस्ट जारी की गई. कहा गया कि बाकी बचे अट्ठाइस हजार पदों के लिए दूसरी लिस्ट जारी की जाएगी, लेकिन चार साल से ज़्यादा का वक्त बीतने के बावजूद आज तक सभी पदों को भरा नहीं जा सका.
अभ्यर्थियों ने की पूरी भर्ती को रद्द कर नये सिरे से प्रक्रिया शुरू करने की मांग
इस बीच अलग-अलग अदालतों के आदेश पर कई लिस्ट निकालकर कुछ अभ्यर्थियों को भर्ती किया गया, लेकिन बड़ी संख्या में पद अब भी खाली पड़े हैं. इतना ही नहीं भर्तियों में कम नंबर पाने वालों को सेलेक्ट करने और विज्ञापन की शर्तों से अलग हटकर भी भर्ती करने के आरोप लगे हैं. पूरी भर्ती को रद्द कर नये सिरे से प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग को लेकर दर्जनों असफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में अर्जी भी दाखिल कर रखी है, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन के दौरान हाईकोर्ट से जल्द सुनवाई किए जाने की गुहार भी लगाई है.