कर्नाटक: कोविड-19 के बीच एक ओर जहां कर्नाटक समेत देशभर में संक्रमितों के आंकड़ें बढ़ रहे हैं, वहीं कर्नाटक सकेंड्री एजुकेशन एग्जामिनेशन बोर्ड की एसएसएलसी परीक्षाएं कल यानी 25 जून के शुरू होने जा रही हैं. यह परीक्षा 3 जुलाई तक चलेगी. परीक्षाओं के आयोजन के एक दिन पहले आज शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार ने तैयारियों का जायज़ा लिया. सुरेश कुमार ने कहा कि परीक्षाओं के दौरान सामाजिक दूरी का पालन और मास्क लगाना अनिवार्य होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए एग्जाम सेंटर को तैयार किया गया है. साथ ही छात्रों को खुद ही पानी कि बोतल लाने को कहा गया है. इसके अलावा 10.30 बजे होने वाली परीक्षा के लिए बच्चों को 7.30 बजे ही आने को कहा गया है. वे यहीं पहुंच कर पढ़ाई कर सकते हैं.


कंटेन्मेंट इलाकों में रहने वाले और किसी कारणवश परीक्षा न लिख पाने वाले तकरीबन 13 हज़ार बच्चों को फिलहाल छूट दी गई है. उन्हें आने वाले दिनों में एक और अवसर दिया जाएगा.


सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद कर्नाटक ने एसएसएलसी की परीक्षा आयोजित की. कोरोना काल में परीक्षा न रखने की अपील करते हुए दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को खारिज कर दिया था, जिसके बाद कर्नाटक सरकार ने राज्य भर में तकरीबन साढ़े आठ लाख बच्चों की 10वीं की परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर दी थी.


आपको बता दें कि इससे पहले पड़ोसी राज्य तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने अपने अपने राज्यों की एसएसएलसी परीक्षाएं रद्द कर बच्चों को प्रोमोट कर दिया है. यहां तक कि केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने भी दसवीं की परीक्षाओं को रद्द करते हुए इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर सभी बच्चों को प्रमोट करने का फैसला किया.


कर्नाटक में भी इस बात की मांग उठने लगी थी. जिसे सरकार ने तवज्जों नहीं दी. राज्य सरकार का मानना है कि दसवीं के बच्चों की मेरिट के आधार पर इन्साफ होना जरूरी है, इसीलिए परीक्षा ली जा रही है. लेकिन मेरिट के आधार पर पास करने का सरकार का यह फैसला कहीं भारी ना पड़ जाए. क्योंकि कर्नाटक में लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है ऐसे में यदि कोई स्टूडेंट इसकी चपेट में आ गया तो सरकार आखिर क्या जवाब देगी.


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