यूपी पीएससी के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने खोला मोर्चा, दफ्तर पर ताला लगाकर की नारेबाजी
हंगामा करने वाले प्रतियोगी छात्रों ने कमीशन के दफ्तर पर ताला जड़ने की कोशिश की और जमकर नारेबाजी की. प्रतियोगी छात्रों का यह हंगामा सूबे के राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड के टीचर्स के खाली पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा के विरोध में था.
इलाहाबाद : पिछले कुछ सालों में विवादों के घेरे में रहे यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों ने एक बार फिर मोर्चा खोला है. सैकड़ों की तादात में प्रतियोगी छात्रों ने कमीशन दफ्तर पर आज जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वाले प्रतियोगी छात्रों ने कमीशन के दफ्तर पर ताला जड़ने की कोशिश की और जमकर नारेबाजी की. प्रतियोगी छात्रों का यह हंगामा सूबे के राजकीय इंटर कॉलेजों में एलटी ग्रेड के टीचर्स के खाली पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा के विरोध में था.
अभ्यर्थियों ने कमीशन पर लगाया मनमानी और धांधली का आरोप
इस दौरान प्रतियोगी छात्रों व पुलिस में काफी देर तक नोंक झोंक व तीखी झड़प हुई. हंगामा करने वाले अभ्यर्थियों ने कमीशन पर मनमानी और धांधली का आरोप लगाते हुए नए सिरे से रोल नंबर आवंटित किए जाने की मांग की. नाराज़ अभ्यर्थियों ने एक विषय के परीक्षार्थियों को एक ही केंद्र पर भेजे जाने के नियम पर भी सवाल उठाए. प्रतियोगी छात्रों ने कमीशन गेट के बाहर इलाहाबाद-लखनऊ हाइवे को भी कुछ देर तक जाम किया.
कमीशन ने पिछले दिनों अलग-अलग सब्जेक्ट्स के 10768 टीचर्स की भर्ती का विज्ञापन निकाला था
गौरतलब है कि यूपी के राजकीय इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड के शिक्षकों की भर्ती यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा की जाती है. कमीशन ने पिछले दिनों अलग-अलग सब्जेक्ट्स के 10768 टीचर्स की भर्ती का विज्ञापन निकाला था, जिसके लिए साढ़े सात लाख से ज़्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इन पदों पर भर्ती के लिए उनतीस जुलाई को लिखित परीक्षा होनी है. कमीशन ने इसके लिए उनतालीस जिलों में 760 परीक्षा केंद्र बनाए हैं.
लिखित परीक्षा के लिए कमीशन ने अभ्यर्थियों को जो एडमिट कार्ड जारी किए हैं, उन्हें लेकर ही सवाल उठाए जा रहे हैं. सबसे ज़्यादा एतराज साथ रहने वाले प्रतियोगियों को एक सीरियल से रोल नंबर एलाट किए जाने और अलग अलग विषयों के आवेदकों को विशेष केंद्रों पर भेजे जाने को लेकर है. इसके अलावा हिन्दी, कला और कम्प्यूटर साइंस जैसे कई विषयों में अभी तक एडमिट कार्ड़ जारी न होने पर भी है. प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के मुताबिक़ कमीशन की इस कार्यप्रणाली से उसके कामकाज और परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं.