नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह ताजमहल के स्वामित्व का दावा नहीं करेगा. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील ए.डी.एन राव को निर्देश लेने के लिए कहते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि बोर्ड द्वारा एक बार स्मारक पर अपने अधिकार का दावा करने के बाद इस मुद्दे पर निर्णय करना होगा.


पीठ ने कहा, "आप ने एक बार स्मारक को यदि वक्फ की संपत्ति के रूप में पंजीकृत करा दिया तो आपका बयान कि आप दावा नहीं करेंगे, मदद नहीं करेगा."


अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को करने का निर्देश दिया हा. इससे पहले की सुनवाई में 11 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने वक्फ बोर्ड से मुगल शासक शाहजहां के हस्ताक्षर वाला दस्तावेज अपने दावे के समर्थन में पेश करने को कहा था.


वक़्फ़ बोर्ड ने कहा कि ताज को वक़्फ़ संपत्ति बनाने का ब्यौरा बादशाहानामा में है, जो कि फिलहाल लन्दन म्यूजियम में है. बोर्ड ने कहा कि हमें एएसआई की तरफ से ताजमहल की देखरेख जारी रखने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन हमारा नमाज और उर्स का अधिकार बरकरार रहे.