नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय एवं राज्यीय हाईवे के 500 मीटर के दायरे में आने वाली शराब की दुकानों पर पाबंदी के अपने आदेश में आज संशोधन किया और कहा कि जिन इलाकों में 20,000 तक की आबादी होगी, वहां 220 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर पाबंदी होगी.
बहरहाल चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने साफ कर दिया कि 15 दिसंबर 2016 का उसका आदेश शुक्रवार को दिए गए आदेश में बताए गए इलाकों के इतर प्रभावी रहेगा. यानि जिन इलाकों की आबादी 20,000 से ज्यादा होगी वहां 500 मीटर के दायरे में शराब की दूकानों पर पाबंदी जारी रहेगी. 15 दिसंबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर पाबंदी होगी.
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल एन राव की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण होने वाले सड़क हादसों के मद्देनजर यह आदेश दिया गया. पीठ ने स्पष्ट किया कि 15 दिसंबर के फैसले से पहले जिन शराब विक्रेताओं को लाइसेंस दिए गए, वे इस साल 30 सितंबर तक मान्य होंगे.
15 दिसंबर के फैसले के मुताबिक दूसरे शराब की दुकानें एक अप्रैल से बंद करनी होंगी. हाईवे के पास शराब की दुकानों की अनुमति देने के लिए 220 मीटर का पैमाना सिक्किम, मेघालय और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में भी लागू होगा.
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि फैसले में सुधार की जरूरत है, क्योंकि इससे ‘‘राज्यों का बजट गड़बड़ा जाएगा.’’ इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पास इस मामले को लेकर कई अर्जियां आई थी, जिसमें 15 दिसंबर के फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगाई गई थी.