नई दिल्ली: यूपी के मंत्री गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. बलात्कार के मामले में प्रजापति के खिलाफ एफआईआर का आदेश वापस लेने से भी कोर्ट ने मना किया है.
जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा- "हमारे पास एक शिकायत आई. मामला संज्ञेय अपराध का था. इसलिए, हमने एफआईआर का आदेश दिया. अब हम और कोई आदेश नहीं पारित करेंगे. आप राहत के लिए दूसरे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करें."
गौरतलब है कि 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला की शिकायत पर यूपी पुलिस को मंत्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा था. महिला ने अपने साथ बलात्कार और नाबालिग बेटी के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन अभी तक प्रजापति को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
महिला के वकील महमूद प्राचा ने एबीपी न्यूज़ से कहा- "सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर प्रजापति मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन कोर्ट ने कोई राहत देने से मना कर दिया. अब ये पुलिस को देखना है कि गिरफ्तारी हो या नहीं. जब पीड़िता धमकाने की शिकायत कर रही हो तब गिरफ्तारी और ज़रूरी हो जाती है."
हालांकि गायत्री प्रजापति के वकील जय बंसल ने कोर्ट के आदेश को बड़ी राहत बताया. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो मामले की मॉनिटरिंग नहीं कर रहा. हम दूसरे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने को आज़ाद हैं."
प्रजापति के वकील ने संकेत दिए कि वो एफआईआर को रद्द करने के लिए निचली अदालत और हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं. साथ ही, इलाहबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की मांग भी की जा सकती है.
फ़िलहाल, गेंद पूरी तरह से यूपी पुलिस के पाले में है. आज की तारीख में प्रजापति की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है.