बलिया: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को धर्म सभा के आयोजन से पहले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर उस दिन संविधान ताक पर रखकर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा. अपने विवादास्पद बयानों को लेकर अकसर चर्चा में रहने वाले बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने कहा, '25 नवंबर 2018 को अयोध्या में जरूरत पड़ी तो 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा. जिस तरह 1992 में संविधान को ताक पर रखकर बाबरी मस्जिद ढहायी गयी थी, आवश्यकता पड़ी तो संविधान को ताक पर रखकर राम मंदिर बनाया जाएगा.'


उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री व योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री रहते यदि राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पायेगा. उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार में ही राम मंदिर का निर्माण होगा. उन्होंने यहां तक कह डाला कि मंदिर निर्माण में अगर सरकार भी आड़े आएगी तो संघ के कहने पर हम लोग बीजेपी के विधायक होते हुए भी संघ की बात मानेंगे.


इससे पहले राम मंदिर मुद्दे पर सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि जिस देश का नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री और योगी आदित्यनाथ जैसा हिंदूवादी मुख्यमंत्री हो और वहां भगवान राम टेंट में रहे तो इससे बड़ा दुर्भाग्य भारत और हिन्दू समाज के लिए नहीं हो सकता. इसलिए ऐसी परिस्थिति बनाई जानी चाहिए कि राम मंदिर अयोध्या में बने.


सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि 'अब राम मंदिर बनने में और देरी नहीं होनी चाहिए. भगवान हर संविधान से उपर हैं. ऐसे में अयोध्या में निश्चित स्थान पर भगवान राम का मंदिर जल्द से जल्द बनना चाहिए'.