पटना: बिहार वेटनरी कॉलेज के सभागार में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में ‘पशु पोषण’ पर आयोजित तीन दिवसीय कान्फ्रेंस का बुधवार को समापन समारोह हुआ. इस समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में 903 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति शीघ्र की जायेगी. उन्होंने बताया कि बीपीएससी ने साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी कर ली है. इससे पशु चिकित्सकों की कमी दूर होगी.





सुशील कुमार मोदी ने बताया कि मछली आहार की फैक्ट्री के लिए 1 करोड़ तक निवेश करने वालों को 50 लाख और 10 लाख तक निवेश करने वालों को 5 लाख रुपये राज्य सरकार अनुदान देगी. बिहार देश का पहला राज्य है जहां पशु चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को प्रतिमाह 2 हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती हैं.


सुशील मोदी ने कहा कि भोजपुर के बिहिया में 300 मीट्रिक टन क्षमता का पशु आहार कारखाना अगले साल जनवरी में शुरू हो जाएगा. महेशखूंट में भी 300 मीट्रिक टन पशु आहार उत्पादन क्षमता की फैक्ट्री लगायी जा रही है. इसके अलावा मछली आहार की 10 नई फैक्ट्री भी लगाई जायेगी. उन्होंने बताया कि बिहार में सूखा चारा की 37 प्रतिशत, हरा चारा की 60 प्रतिशत और कान्सेंट्रेट चारा की 42 प्रतिशत कमी है.


सुशील मोदी ने आगे कहा कि बिहार में पशु प्रजनन नीति का गठन किया गया है. इस नीति के तहत किस नस्ल के पशु को किस क्षेत्र में विकसित किया जाए इसको देखा जाएगा. बक्सर के डुमरांव में भारत सरकार की ‘गोकुल ग्राम मिशन’ के तहत 8 करोड़ की लागत से गायों के देशी नस्ल के विकास की योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं. 2017-18 में पशुओं को 5 करोड़ से ज्यादा टीका लगया गया है. पशुओं के इलाज के लिए चलंत वैन की व्यवस्था की गई है.


फिलहाल इस वक्त देश में बिहार मछली और सब्जी उत्पादन में तीसरे, गेहूं, धान के उत्पादन में छठें और दूध के उत्पादन में 9 वें स्थान पर है. 2005-06 में मछली का उत्पादन जहां 2.80 लाख मे.टन था वहीं 2017-18 में बढ़ कर 5.78 लाख मे.टन हो गया. पशु वैज्ञानिक बिहार की परिस्थियों को ध्यान में रख कर पशुओं के नस्ल सुधार, बेहतर आहार और देखभाल का सुझाव दें.