रांची: ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सुस्ती के बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि ऑटो सेक्टर को जीएसटी काउंसिल रियायत नहीं देगा. उन्होंने कहा कि गाड़ियों पर लगने वाले 28 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत नहीं किया जाएगा. बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि ऑटो सेक्टर में सुस्ती के लिए ऑटो कंपनियां भी जिम्मेदार हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने 'हिंदुस्तान पूर्वोदय 2019' कार्यक्रम में आर्थिक मंदी के दावों को भी खारिज किया. उन्होंने हालांकि ये जरूर कहा कि कुछ सेक्टर में स्लोडाउन है. जिसे खत्म करने के लिए प्रयास जारी है.
सुशील मोदी ने कहा, ''जीएसटी काउंसिल की बैठक 20 तारीख से शुरू होने जा रही है. मेरी एक दर्जन से अधिक वित्त मंत्रियों से बात हुई है. सभी के सभी ऑटो, बिस्कुट या अन्य गुड्स पर जीएसटी की दरों को कम करने के पक्ष में नहीं हैं. मैंने इसपर चर्चा की है. वाहनों की बिक्री में अगर कमी आई है तो इसकी वजह जीएसटी नहीं है. जीएसटी लागू हुए ढाई साल हो गए. आम सहमति है कि ऑटो सेक्टर को किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी. क्योंकि 45 हजार करोड़ का नुकसान होगा. इसकी भरपाई कौन करेगा?''
ध्यान रहे कि मारुति सुजुकी जैसी बड़ी कंपनियां वाहनों पर जीएसटी कम करने की मांग करती रही है. मारुति सुजुकी ने पिछले दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही हाइब्रिड और सीएनजी कारों पर जीएसटी में छूट की मांग की थी. हाइब्रिड और सीएनजी वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है.
सुशील मोदी ने कहा, ''वाहनों की बिक्री में कमी के कई कारण हैं. उसका कारण बीएस6 भी है. इंश्योरेंस एक साल की बजाय पांच साल हो गया. इलेक्ट्रिक वाहन आए. फाइनेंस करने में बैंक कड़ाई कर रहे हैं. सुस्ती अस्थाई है.''
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सुशील मोदी ने आर्थिक मंदी के दावों पर कहा, ''अभी आर्थिक मंदी नहीं है. कुछ सेक्टर में स्लोडाउन है. कहा जा रहा है कि पांच रुपये के बिस्कुट की बिक्री घट गई है, अजीब बात है. कहा जा रहा है कि साबुन लगाना लोगों ने कम कर दिया. देश में कॉर्पोरेट लॉबी एक तरह से दबाव बनाता है, ताकि उन्हें टैक्स में छूट मिल सके. पूरे देश में भय का माहौल बनाया जा रहा है. ये स्लोडाउन केवल भारत में नहीं है, पूरी दुनिया में है.''