पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह जानने के लिए कराये गए सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है. इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष पेश की जाएगी. बिहार विधान परिषद में बुधवार को पेश 14, 330 करोड़ रुपये के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए सुशील मोदी ने कुमार की उपस्थिति में कहा कि मुख्यमंत्री ने चमकी बुखार से जो बच्चे प्रभावित हुए, उन सभी के संबंध में सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था.


सुशील मोदी ने कहा कि यह काम पूरा हो चुका है और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को पेश की जायेगी और तब योजना बनाएंगे कि एईस से प्रभावित क्षेत्रों में और क्या करने की आवश्यक्ता है, जिससे भविष्य में एईएस से होने वाली मौतों को रोका जा सके और उसका मुकाबला कर सकें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 17 जून को इस अज्ञात बीमारी के कारणों की बेहतर समझ और प्रभावकारी प्रबंधन के लिए प्रभावित परिवारों के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय सर्वे कराने का निर्देश दिया था.


बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि प्रदेश में इस गर्मी के मौसम में एईएस के 953 मामले सामने आए जिनमें से 208 बच्चों ने इलाज के क्रम में दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि वर्तमान में एईएस के मुजफ्फरपुर पांच, गया में तीन, अरवल और नवादा में एक-एक मरीज का इलाज चल रहा है.