पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. वहीं इस पीएम के इस ऐलान की बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि इस पैकेज का सबसे ज्यादा लाभ सबसे ज्यादा बिहार को मिलेगा.
सुशील मोदी ने एबीपी न्यूज से की खास बातचीत में कहा कि एक करोड़ से लेकर 20 करोड़ तक जिनका इन्वेस्टमेंट है और100 करोड़ का टर्नओवर है, वो सारी कंपनियां MSME के परिभाषा में आ जाएगी. उन्होंने कहा अब तक सर्विस सेक्टर की परिभाषा अलग थी और मैन्यूफैक्चरिंग की अलग लेकिन अब दोनों के लिए एक ही परिभाषा होगी. उसका परिणाम ये होगा कि बहुत बड़ी संख्या में छोटे उद्योग जो MSME के परिभाषा में नही आते थे वो सारे लोग इसके दायरे में आ जाएंगे.
सुशील मोदी ने कहा, बिहार में 15 हजार से कम मासिक वेतन पाने वाले बहुत कर्मचारी हैं और ऐसे कर्मचारियों को प्रति माह 12 प्रतिशत अपने वेतन का पीएफ कटाना पड़ता था. वहीं भारत सरकार ने ये काम किया है कि 6 माह तक 15 हजार से कम मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों का पीएफ केंद्र सरकार वहन करेगी और 15 हजार से अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 12 प्रतिशत के जगह 10 प्रतिशत का ही भुगतान करना होगा.
'अप्रवासी बिहारियों को होगा फायदा'
बिहार वापस लौट रहे प्रवासियों के लिए इस पैकेज में क्या लाभ मिलेगा, इस सवाल पर डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि अभी पहली किस्त की ही घोषणा हुई है, अभी दो किस्तों की और घोषणा होनी है तो अभी उसका इंतजार करें और गरीब कल्याण योजना के तहत शुरू में जो एक लाख 70 हजार करोड़ की जो घोषणा की गई थी. उसमें गरीबों को पांच किलो अनाज मिलेगा. वहीं केंद्र ने बिहार के गरीबों के लिए 12 हजार करोड़ रुपये दिए जिसके तहत हर गरीब को 15 किलो अनाज दिया जाएगा.
मोदी ने कहा, बिहार में 2 करोड़ 33 लाख महिलाओं के खाते में एक हजार के अलावा अलग से 15 सौ रुपये भेजे जा रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा, " मैं दावा कर सकता हूं बिहार में एक ऐसा गरीब परिवार नहीं होगा जिनके खाते में ये राशि नहीं गई होगी. अगर दोनों सरकार को मिलाकर देखें तो तीन हजार रुपये से कम गरीब के खाते में तीन हजार रुपये भेजे जा रहे हैं."
'बिहार में लगाएं उद्योग'
बातचीत में सुशील मोदी ने कहा, "हम लोग अभी स्किल मैपिंग कर रहे हैं. जो लोग क्वारंटीन सेंटर में ठहरे हुए हैं, वो गुजरात, महाराष्ट्र में जो काम करते थे उनका उद्योग यहां बैठ सकता है या नहीं, हम लोग ने एक लिस्ट तैयार की है, जो देश के अलग-अलग राज्यों में वैसे उद्योग खोले हुए हैं उनसे आग्रह करेंगे कि आप अपना एक यूनिट यहां बिहार में लगाएं ताकि आपके एक यूनिट बढ़े और यहां के मजदूरों को भी काम मिल सके. इससे यहां के लोगो को बाहर नही जाना पड़ेगा."
'उधोग नीति और श्रम नीति में बदलाव लाएंगे'
उपमुख्य मंत्री ने कहा, "बाहर से आए लोग जो यहां उद्योग लगाना चाहते हैं, उन्हें भी निश्चित सहायता मिलेगी राज्य सरकार प्रतिदिन कुछ न कुछ निर्णय ले रही है. नए उद्योग जो बिहार में आएंगे या आ सकते हैं उसके लिए अगर पुराने उद्योग नियमों में परिवर्तन की जरूरत हुई तो वो भी करेंगे. अखबारों में आपने पढ़ा होगा कि चीन से बहुत सारे उद्योग भारत आ रहे हैं तो लेबर लॉ से लेकर और भी कई जरूरी नियमों में बदलाव की जरूरत होती है तो उन सारी चीजों पर विचार चल रहा है और जैसे समय आता है उन सारी चीजों पर हम योग्य निर्णय लेंगे."
'घाटे में चल रही कंपनी को राहत मिलेगी'
बिहार में घाटे में चल रही कंपनियों को उबारने के सवाल पर सुशील मोदी ने कहा, "सबसे बड़ी चुनौती बिजली कंपनी के सामने है क्योंकि बिजली की खपत कम हो गई, कंज्यूमर बिल का भुगतान नही कर पा रहे हैं और जहां से वो बिजली खरीदते हैं उनको हम पेमेंट नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में इस पैकेज में 90 हजार करोड़ का जो राहत का ऐलान किया गया है इन जैसे कंपनियों के मदद के लिए किया गया है."
'गरीब हैं हमारी पहली प्राथमिकता'
सुशील मोदी ने कहा, "हम लोग लगातार काम कर रहे हैं और हमारी पहली प्राथमिकता गरीब लोग हैं. जो गरीब हजारों किलोमीटर पैदल चल कर बिहार आ रहे हैं. व्यवसायी तो कुछ समय के अंदर दोबारा स्थापित कर लेंगे लेकिन ज्यादा बड़ी चुनौती माइग्रेंट लेबर की है और बाकी के बारे में भी हम विचार करेंगे कि किस तरह से और क्या स्थिति बनती है."
'विपक्ष पर साधा निशाना'
विरोधी दलों को घेरते हुए सुशील मोदी ने कहा, "आप गांव में जाकर देखे एक एक व्यक्ति कितना खुश है. हर व्यक्ति बोरा भरकर चावल घर ले जा रहा है. एक-एक व्यक्ति के पास इतना पैसा है कि बैंकों में भीड़ लगी है तो इनको जलन हो रही है. अभी नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सरकार जो गरीबों की इतनी मदद कर रही है कि इनका सारा विरोध टाय-टांय फीस हो रहा है."
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