पटनाः बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया कि बिहार में बेहतरीन सड़कें बनीं और गाड़ियों की बिक्री में 700 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं लॉकडाउन ने रफ्तार रोकी तो कई कारणों से होने वाली मौतों में 28 फीसदी की कमी आई.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्वी चम्पारण के सत्तरघाट में गंडक पर बने पुल व लखीसराय के बाईपास में रेलवे उपरि पुल के उद्घाटन व सासाराम बाईपास के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जब बेहतरीन सड़के बनीं तो वाहनों की बिक्री में करीब 700 प्रतिशत की वृद्धि हुई.


वहीं कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दो महीने के लॉकडाउन के दौरान पटना में विभिन्न कारणों से होने वाली मौतों में 28 फीसदी की कमी आई. अमूमन बिहार में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में ही साढ़े पांच हजार लोगों की मौत हो जाती है.


सुशील मोदी ने कहा कि 2019 के अप्रैल-मई महीने की तुलना में इस साल अप्रैल-मई में जब लॉकडाउन था तो पटना के गुलबीघाट श्मशान घाट पर 38 प्रतिशत, खाजेकलां घाट पर 25 और बांसघाट पर 10 फीसदी कम शव दाह संस्कार के लिए लाए गए. पिछले साल इस अवधि में जहां 1713 शवों के दाह संस्कार हुए थे वहीं इस साल 374 की कमी के साथ 1339 शवों को यहां अंतिम संस्कार के लिए लाया गया. यानी बीमारी, दुर्घटना व अन्य कारणों से होने वाली मौतों में कुल 28 फीसद की कमी आई.


डिप्टी सीएम ने कहा कि अच्छी सड़कें बनी तो बिहार में 2008-09 की 2 लाख 20 हजार की तुलना में 2019-20 में 13.60 लाख वाहनों के निबंधन हुए. 1990 से 2005 तक बिहार की सड़कों व पुल-पुलियों पर जहां मात्र 6071.57 करोड़ खर्च हुए थे वहीं 2005 से लेकर अब तक एक लाख 40 हजार करोड़ खर्च किए गए हैं. उनके 15 साल के कार्यकाल में 200 करोड़ का अलकतरा घोटाला हुआ जिसमें तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री सजायफ्ता होकर अभी भी जेल में हैं.


सुशील मोदी ने कहा आजादी से लेकर 2005 के पहले तक बिहार में गंगा नदी पर मात्र 3 पुलों का निर्माण हुआ था जबकि बाद के 15 वर्षों में गंगा पर 14 पुलों के साथ कोसी पर 6, गंडक पर 5 और सोन पर 3 पुलों के निर्माण की स्वीकृति मिली.  इन 28 पुलों में से आधे से ज्यादा पर निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है व बाकी निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं.


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