चिन्मयानंद को झटका, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मॉनीटरिंग केस में पक्षकार बनाए जाने की याचिका खारिज की
LLM की छात्रा के साथ रेप के आरोप में सजा काट रहे स्वामी चिन्मयानंद को कोर्ट से झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद की मॉनीटरिंग केस में खुद को पक्षकार बनाने की याचिक को खारिज कर दिया है.
प्रयागराज: यूपी के शाहजहांपुर में एलएलएम की छात्रा के साथ यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने चिन्मयानंद की खुद को मॉनीटरिंग केस में पक्षकार बनाए जाने की याचिका को खारिज कर दिया है.
दरअसल आरोपी चिन्मयानंद ने कोर्ट से याचिका के जरिए गुहार लगाई थी कि उसे मॉनीटरिंग केस में पक्षकार बनाया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ एसआईटी जांच की मानीटरिंग और पीड़ित छात्रा के साथ उसके परिवार की सुरक्षा के संबंध में सुनवाई का आदेश दिया था. चिन्मयानंद की तरफ से उनके वकीलों ने भी कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. वह खुद आरोपी हैं और जेल में बंद हैं, इसलिए उन्हें अलग से पक्षकार बनाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है."
चिन्मयानंद की अर्जी को खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने मॉनीटरिंग मामले में चल रही सुनवाई को पूरा मानते हुए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. हालांकि कोर्ट ने अभी फैसला सुनाए जाने की तारीख तय नहीं की है. उम्मीद जताई जा रही है कि कोर्ट का फैसला अगले महीने आ जाएगा. इस मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस दीपक वर्मा की डिवीजन बेंच कर रही है. कोर्ट के फैसले से ही तय होगा कि पीड़ित छात्रा द्वारा दिल्ली के लोधी रोड थाने में दी गई शिकायत पर अलग से एफआईआर दर्ज कर जांच कराई जाएगी या नहीं.
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