प्रयागराज: यूपी के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलीगढ़ के टप्पल में ढाई साल की बच्ची की बेरहमी से हत्या की घटना की निंदा करते हुए दोषियों को फांसी की सज़ा दिलाए जाने की पैरवी किये जाने की बात कही है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि इस घटना में उनकी सरकार तेजी से सख्त कार्रवाई कर रही है. अड़तालीस घंटे में कार्रवाई पूरी हो जाएगी और वारदात में शामिल सभी आरोपी जेल की सलाखों के पीछे होंगे. सीबीआई जांच समेत पीड़ित परिवार की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार हो रहा है.


उनका दावा है कि आरोपी चाहे कितने भी प्रभावशाली व रसूखदार हों, उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा और ऐसी सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे समाज में इस तरह की घटनाओं को काबू में किया जा सकेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए यह दलील ज़रूर दी कि ऐसी घटनाएं अप्रत्याशित होती हैं, क्योंकि इस तरह की ज़्यादातर वारदातों में कोई करीबी सदस्य ही शामिल होता है. उन्होंने ऐसी घटना को सामाजिक बुराई बताते हुए यह कहा कि ऐसी वारदातों से क़ानून व्यवस्था को जोड़कर नहीं देखा जा सकता.


क्या है पूरा मामला


अलीगढ़ के टप्पल इलाके में एक गरीब परिवार रहता है. बच्ची के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं. ढाई साल की बच्ची 30 मई को उस वक्त गायब हो गई जब वो घर के बाहर खेल रही थी. उसके पिता और बाकी लोगों ने उसकी तलाश की और बच्ची जब कहीं नहीं मिली तो परिवार के लोग पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया और बच्ची की तलाश शुरु कर दी. पुलिस और बच्ची के परिजन लगातार उसकी तलाश कर रहे थे. इस बीच 2 जून को उसकी लाश कूड़े के ढेर में मिली. कुत्ते उसकी लाश को नोच रहे थे. बच्ची का सीधा हाथ जानवर खा चुके थे. वहां कूड़ा डालने पहुंचे किसी ने इस मंजर को देखा. जब ये जानकारी बच्ची के पिता को हुई तो वो भी वहां पहुंचे और अपनी बच्ची को पहचान लिया. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने वहां जाम लगा दिया और प्रदर्शन करने लगी.


क्या कहती है पुलिस


एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि आरोपी जाहिद और असलम का बच्ची के पिता से पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद था. ये दोनों लोग मजदूर हैं और विवाद के बाद जाहिद ने बच्ची के पिता को धमकी भी दी थी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए जाहिद को हिरासत में लिया था जहां उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने साथी असलम के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था. एसएसपी ने कहा कि दोनों को जेल भेज दिया गया है. पुलिस का कहना है कि ये कोई हेट क्राइम नहीं है. पुलिस ने ये भी बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची के साथ ना तो बलात्कार हुआ है और ना ही लाश पर तेजाब डाला गया है जैसा कि सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट


अलीगढ़ के सीएमओ एमएल अग्रवाल ने कहा कि तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया था जिसमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल थीं. इस पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी की गई थी. वैसे तो रेप की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन फिर भी एक अन्य जांच के लिए सैंपल पुलिस को दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि चूंकि करीब चार दिन बच्ची की लाश को छुपा कर रखा गया था इसलिए शरीर गल गया, डिकंपोज होने के कारण शरीर फूल गया और फटने लगा. इसी वजह से लगा होगा कि तेजाब डाला गया है लेकिन बच्ची के ऊपर तेजाब जैसी कोई बात रिपोर्ट में नहीं है. आंख निकाल लिए जाने के सवाल पर सीएमओ ने कहा कि बच्ची की आखें नहीं निकाली गईं थीं. रिपोर्ट के मुताबिक आंख के सॉफ्ट टिशूज़ गायब हैं जो चार दिल तक लाश को छिपाने के कारण हुए हैं. आंख गायब नहीं है.


एसआईटी का गठन


इस मामले की जांच के लिए एसपी ग्रामीण के नेतृत्व में एक स्पेशन इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन किया गया है. फॉरेन्सिक साइन्स टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और अन्य एक्सपर्ट भी टीम में होंगे ताकि जांच जल्द से जल्द हो. इस मामले में आरोपियों पर पोस्को की धाराएं भी लगाई जाएंगी. एसएसपी ने बताया कि छह सदस्यों की टीम में एसपीआरए, सीओ खैर और चार विवेचक शामिल हैं जिनमें एक महिला निरीक्षक भी हैं.