राम मंदिर निर्माण: स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा- कोर्ट में है मामला, कोई कानून-अध्यादेश नहीं लाया जा सकता
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लोगों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और उच्चतम न्यायालय का सम्मान करना चाहिए. मौर्य ने कहा कि अध्यादेश लाने का मुद्दा तभी उठ सकता है जब अदालत का फैसला पक्ष या विपक्ष में आए.
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ठाणे: उत्तरप्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि इस समय राम मंदिर पर कोई विधेयक संसद में नहीं लाया जा सकता है क्योंकि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है.
मौर्य ने कहा, ‘‘मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है. वर्तमान स्थिति में संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किया जा सकता है. जब तक सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नहीं आता है, इस विषय में संसद को कानून बनाने का अधिकार नहीं है.’’
मौर्य ने कहा कि अध्यादेश लाने का मुद्दा तभी उठ सकता है जब अदालत का फैसला पक्ष या विपक्ष में आए. बसपा के पूर्व नेता मौर्य अब बीजेपी सरकार में हैं.
आरएसएस मांग करती रही है कि नरेन्द्र मोदी सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए विधायी या अध्यादेश का रास्ता अपनाए.
उन्होंने कहा कि लोगों को धैर्य बनाए रखना चाहिए और उच्चतम न्यायालय का सम्मान करना चाहिए. मौर्य अखिल भारतीय माली महासंघ के राष्ट्रीय सम्मेलन के इतर बात कर रहे थे .कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने भी शिरकत की.
अयोध्या में संबंधित भूमि के मालिकाना हक का वाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. अगले साल जनवरी में अदालत सुनवाई के तारीख की घोषणा करेगी. लेकिन यह विवाद पिछले 25 साल से अनसुलझा है
रैली के लिए लंबे समय से चल रहा था अभियान वीएचपी धर्मसभा के लिए एक दिसंबर से ही जनसंपर्क अभियान चला रही थी. धर्मसभा की जागरूकता के लिए विहिप ने दिल्ली-एनसीआर में 1 से 9 दिसम्बर के बीच जनसम्पर्क अभियान और रथयात्रा निकाली थी. वीएचपी का कहना है कि सरकार और सर्वोच्च न्यायालय इसके बाद भी राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई फैसला नहीं करता है तो जनवरी 2019 में प्रयागराज में होने वाले कुंभ मेले में इसको लेकर फैसला लिया जाएगा.
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