लखनऊ: अपनी पहली चुनावी परीक्षा में पूरी तरह सफल होने का विश्वास जताते हुये भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बुधवार को कहा कि राज्य में विधानसभा की रिक्त पड़ी 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में पार्टी सभी सीटों पर विजय हासिल करेगी.
उप्र बीजेपी अध्यक्ष बनने के एक दिन बाद स्वतंत्र देव सिंह ने कहा, 'पार्टी संगठन पहले से ही राज्य में बहुत मजबूत है और पार्टी कार्यकर्ता आत्मविश्वास से लबरेज हैं. हम विधानसभा के आगामी उपचुनावों में केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार द्वारा किये विकास कार्यो की बदौलत निश्चित ही जीतेंगे. चुनाव जीतने की एक और वजह पार्टी की संगठनात्मक मजबूती भी होगी.'
उन्होंने यह भी कहा कि अगले साल 2020 में होने वाले जिला पंचायत चुनाव भी पार्टी जीत दर्ज करेगी.
उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर विधायकों के लोकसभा में चुने जाने की वजह से उप चुनाव होने हैं. इसके अलावा हमीरपुर सीट से विधायक अशोक कुमार चंदेल के हत्या के मामले में सजा पाने के कारण यह सीट भी खाली है.
जिन विधानसभा सीटों पर विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण उपचुनाव होने हैं उनमें मनिकपुर, इगलास:सु:,जैदपुर:सु:,गंगोह, बलहा:सु:, रामपुर, जलालपुर, प्रतापगढ.,लखनऊ कैंट, गोविंदनगर कानपुर और टूंडला :सु: शामिल हैं.
बीजेपी के नये अध्यक्ष सिंह से जब उनकी कार्ययोजनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'पार्टी की पहली प्राथमिकता सदस्यता अभियान है. हमारा लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़े और संगठनात्मक गतिविधियों में तेजी लायें.'
नवनियुक्त बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने कार्यकर्ताओं की वजह से ही 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव तथा 2019 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की है.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने पिछड़ी जाति के नेता और राज्य सरकार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कल उप्र बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया था.
सिंह हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश के प्रभारी थे. विधानसभा चुनाव में हालांकि बीजेपी को मध्य प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था लेकिन पार्टी ने लोकसभा की 29 में से 28 सीटें जीतीं.
मूल रूप से मिर्जापुर जिले के रहने वाले सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे हैं. इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए. उन्हें 1996 में युवा मोर्चा का महामंत्री और 2001 में युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. पार्टी ने उन्हें युवा मोर्चा से मुख्य धारा में लाते हुए वर्ष 2004 में उत्तर प्रदेश बीजेपी का महामंत्री बना दिया.
उन्होंने महेंद्रनाथ पाण्डेय से प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान संभाली है. पाण्डेय अब केंद्र में मंत्री बन चुके हैं और बीजेपी की 'एक व्यक्ति एक पद' की नीति के तहत उनकी जगह सिंह को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
सिंह को अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने एक बार फिर पूर्वांचल को साधने की दिशा में कदम उठाया है. सिंह को उत्तर प्रदेश के कुर्मी नेताओं में प्रमुख माना जाता है और उन्हें संगठन स्तर पर काम करने का अच्छा अनुभव है.
बीजेपी ने 2012 के विधानसभा चुनाव में सिंह को उरई की कालपी सीट से चुनाव लड़ाया था लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैलियों में प्रमुख रणनीतिकार के तौर पर काम किया था.
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