मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 42 लोगों को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि हो चुकी है, इनमें से आठ लोगों की स्वाइन फ्लू के कारण मौत हो चुकी है. प्रशासन ने सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि स्वाइन फ्लू के किसी भी मरीज़ को भर्ती करने से मना न किया जाए. प्रशासन के मुताबिक स्वाइन फ्लू की दवाओं की जिले में कोई कमी नहीं है.
जिला चिकिसक अधिकारी राजकुमार ने बताया, ‘’स्वाइन फ्लू के लिए अलग वॉर्ड है. उसमें स्वाइन फ्लू से पीड़ितों को ही रखा जा रहा है. अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना न किया जाए.’’
मरीजों की मौत के बाद हंगामा
वहीं कल मेरठ के मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू में किए.
लोगों का आरोप था कि स्वाइन फ्लू वार्ड में मरीजों का उपचार ठीक से नहीं किया जा रहा है. डॉक्टर लापरवाही बरत रहे हैं. लोगों की मांग है कि जिन डॉक्टर और कर्मचारियों की इलाज में लापरवाही रही हैस उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
क्या है स्वाइन फ्लू-
डॉक्टर्स का कहना है कि स्वाइन फ्लू फैलने वाली रेस्पिरेटरी डिजीज़ है जो वायरस के टाइप A स्ट्रेन से होता है. वायरस शरीर में दूषित सांस लेने से और गंदे हाथ, आंख, मुंह या नाक पर लगाने से हो सकता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण-
स्वाइन फ्लू के लक्षण वायरल फीवर जैसे ही होते है लेकिन इसका इफेक्ट बहुत ज्यादा होता है और मरीज को तेज बुखार, गला खराब, सुस्त जैसा लगता है. कुछ मरीजों को जी मिचलाना जैसे और डायरिया के लक्षण भी महसूस होते है और गंभीर मामलों में निमोनिया या ऑर्गन फेल्योर होने की आंशका हो सकती है.
स्वाइन फ्लू से ऐसे बचें-
- भीड़भाड़ वाली जगह में जाते वक्त सावधान रहें और हो सके तो मास्क पहनकर बाहर निकलें.
- जुकाम और गले में खराश होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें.
- साफ-सफाई रखें.
- कुछ भी खाने से पहले हैंडवॉश जरूर करें.