सिद्धार्थनगर/बलरामपुर/गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बलरामपुर और सिद्धार्थनगर में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ बातचीत करके ही हर साल आने वाली बाढ़ की तबाही का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है.


नेपाल से छोड़े गए पानी और वहां लगातार हो रही बारिश की वजह से सीमा से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आई बाढ़ से स्थिति गम्भीर हो गई है. भीषण बाढ़ से अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है. गोरखपुर में राहत और बचाव कार्य के लिये सेना से मदद मांगी गई है.


नेपाल के राजदूत से चल रही है बातचीत: सीएम योगी


मुख्यमंत्री योगी ने बलरामपुर और सिद्धार्थनगर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के दौरान सिद्धार्थनगर में कहा कि नेपाल से आने वाले पानी से बाढ़ की तबाही को तभी रोका जा सकता है, जब नेपाल के साथ बातचीत करके उसके स्थायी समाधान का रास्ता निकले. इसके लिए केन्द्र सरकार के स्तर पर प्रयास बेहतर हुए हैं और प्रदेश में अभी बीजेपी सरकार आई है. उन्होंने काह कि राज्य सरकार ने नेपाल के राजदूत के साथ इस सिलसिले में एक दौर की बातचीत की है. आगे की कार्रवाई चल रही है.


 


सीएम योगी ने कहा कि तत्काल रूप से हम बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत सामग्री देने जा रहे हैं. हम लोग इसके लिए व्यवस्था करेंगे कि बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान हो.


बाढ़ पीड़तों को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह संवेदनशील: सीएम योगी


यूपी के मुख्यमंत्री ने बलरामपुर में कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए पूरी तरह संवेदनशील है. उन्होंने अधिकारियो को चेतावनी देते हुए कहा कि बाढ़ राहत कार्य में जो भी अधिकारी या कर्मचारी लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी जाएगी और संवेदनहीनता दिखाने वाले कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा.


इस बीच डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 2013 गांवों में करीब साढ़े 14 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. बहराइच में तीन और बाराबंकी में दो और लोगों की बाढ़ में डूबने से मौत के साथ सैलाब के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गयी है. प्रभावित क्षेत्रों में 646 बाढ़ चैकियां और 209 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. राहत शिविरों में 19 हजार 564 लोगों ने शरण ले रखी है. इसके अलावा 49 हजार 34 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.


राहत-बचाव कार्य के लिए सेना की मदद मांगी: राजीव रौतेला, गोरखपुर डीएम 


इधर गोरखपुर से मिली रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर-नेपाल मार्ग पर मानीराम कस्बे और राजमार्ग पर रोहिन नदी का पानी भर गया है, जिससे नेपाल जाने वाले गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है. डीएम राजीव रौतेला ने जिले के सभी 12वीं तक के स्कूलों को शनिवार तक के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की मदद मांगी है.


जिले के कम्पीयरगंज क्षेत्र में 16 अगस्त पानी के दबाव की वजह से क्षतिग्रस्त हुए रोहिन नदी के तटबंध की मरम्मत किए जाने से गोरखपुर शहर में कुछ मोहल्लों में बाढ़ से राहत मिली थी, लेकिन आज सुबह तटबंध से फिर रिसाव होने से कुछ इलाकों में स्थिति खराब हो गई है. सूत्रों के अनुसार जिले के 105 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं जिनमें से 35 गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है. राष्ट्रीय आपदा राहत बल के दल 169 नावों की मदद से बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, पानी इत्यादि पहुंचा रहे हैं.


इस बीच बाढ़ की वजह से गोरखपुर-सोनौली सड़क मार्ग बंद होने और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर से आनंद नगर होते हुए बढ़नी तक दो विशेष रेलगाड़ियां चलाने का निर्णय लिया है. मालूम हो कि प्रदेश के विभिन्न पूर्वी इलाके इस वक्त भीषण बाढ़ की चपेट में हैं. बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, अयोध्या, लखीमपुर खीरी, महराजगंज और गोण्डा में बाढ़ कहर बरपा रही है. इन जिलों में हजारों हेक्टेयर फसल भी बाढ़ के कारण डूब गयी है. बस्ती जिले में बाढ़ का पानी लखनऊ-गोरखपुर मार्ग के नजदीक पहुंच गया है.