नई दिल्ली: तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी के पासपोर्ट केस में नया मोड आ गया है. तन्वी सेठ को नियम कायदों को ताक पर रखकर पासपोर्ट दिए जाते वक्त मौजूद गवाह कुलदीप को अगवा करने की कोशिश की गई. कुलदीप को लखनऊ से अगवा करने की कोशिश की गई.


लखीमपुर में इंडिया नेपाल सीमा पर कुलदीप भाग निकलने में कामयाब हुआ. भागने के बाद उसने संसारपुर पुलिसचौकी में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. कुलदीप ने पुलिस के सामने शक जताया है कि तन्वी पासपोर्ट केस में ही उसके अपहरण की कोशिश की गई है. हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ है कि अपहरण किसने किया और क्यों किया? पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.


तन्वी और उनके पति अनस बुधवार को पासपोर्ट बनवाने गए थे. सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र ने तन्वी के निकाहनामे व अन्य दस्तावेज पर सवाल उठाए थे. इसे लेकर दोनों में बहस हुई. तन्वी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ट्वीटर पर इसकी शिकायत की थी कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने घंटे भर में तन्वी का पासपोर्ट बनवाकर दे दिया था.


क्या है पूरा मामला?
20 जून को लखनऊ पासपोर्ट के दफ्तर में अनस सिद्दीकी को अपना पासपोर्ट रिइश्यू करवाना था. उनकी पत्नी तन्वी का नया पासपोर्ट बनना था. सबसे पहले दोनों काउंटर A पर गए जहां डॉक्यूमेंट अपलोड हुए
उसके बाद दोनों काउंटर B पर गए जहां डॉक्यूमेंट मैच कराए गए. आखिरी काउंटर C था जहां डॉक्यूमेंट की स्क्रूटिनी होनी थी और इसी काउंटर पर विकास मिश्रा बैठे थे. तन्वी के मुताबिक विकास ने उनके डॉक्यूमेंट देखकर कहा कि मुसलमान से शादी की है तो वो अपना नाम बदलवाएं.


तन्वी के पति ने क्या कहा?
अनस सिद्दीकी का दावा है कि जब वो अपनी पत्नी के साथ लखनऊ पासपोर्ट के दफ्तर पहुंचे तो उनसे पासपोर्ट बनवाने से पहले हिंदू धर्म अपनाने को कहा गया. अनस सिद्दीकी ने बताया, ''मेरी बारी तो आई भी नहीं थी पता नहीं क्यों उन्होंने मुझे बुला लिया? मेरी फाइल देखकर कहा अच्छा आपकी पत्नी का नाम तन्वी सेठ है. आप अपना धर्म परिवर्तन करिए, नाम बदलिए मंत्र पढ़िए और फेरे लीजिए. ''

जिन विकास मिश्रा पर आरोप लगे, उनका क्या कहना?
विकास मिश्रा ने कहा, ''हमने उनसे कहा कि आप निकाहनामे में अपना नाम शादिया अनस दिखा रही हैं, निकाहनामे वाले नाम को इनडोर्स करवा लीजिए. जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया, अगर वो नाम इनडोर्स करा लेतीं तो हम A सेक्शन में भेज देते. आखिर वो नाम इनडोर्स क्यों नहीं करवा रही? हमें सब आवेदकों को देखना होता है कि नाम तो नहीं बदलवा रहा. हमारे पास जब कागजाती सबूत है उसे कैसे नजरअंदाज कर दें. इस तरह काम करेंगे तो कल कोई भी व्यक्ति किसी भी नाम से पासपोर्ट लेगा.'' विकास मिश्रा ने ये भी बताया कि अगर उन्होंने तन्वी सेठ का निकाहनामा नहीं देखा होता तो उन्हें कैसे पता होता कि उनका नाम शादिया है.

पासपोर्ट को लेकर नियम क्या कहता है?
पासपोर्ट के लिए भरे जाने वाले फॉर्म में साफ-साफ ये सवाल पूछा जाता है कि क्या आपको किसी और नाम से भी जाना जाता है? क्या आपने कभी अपना नाम बदला है? अगर ऐसा है तो आपको एक एप्लीकेशन लिखकर ये डिक्लेयर करना होता है उसके बाद आप अपना पासपोर्ट उसी नाम से बनवा सकते हैं जो जन्म के बाद रखा गया.