बरेली: मोहर्रम के ताजिये निकालने को दौरान जमकर हंगामा हुआ. ताजियेदारों ने नेशनल हाइवे 24 पर ताजिये रखकर जाम लगा दिया और नारेबाजी करने लगे. करीब 6 घण्टे तक हाइवे पर जाम लगा रहा. कैंट थाना क्षेत्र स्थित नकटिया चौकी के पास नेशनल हाइवे 24 पर कल शाम हजारों ताजियेदारों ने जमकर प्रदर्शन किया.

हाइवे पर ताजिये रखकर पुलिस, प्रसासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. ताजियेदारों की हजारों की संख्या देख आला अफसरों के होश उड़ गए. बरेली से लेकर लखनऊ तक फोन घनघनाने लगे. सरकार पूरे मामले पर नजर बनाई रही और लगातार लखनऊ से बरेली के अफसरों से अपडेट लिया जाता रहा.

हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि पूरे जिले का फोर्स नकटिया बुला लिया गया. इसके अलावा आरएएफ और पीएसी को भी बुला लिया गया. लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद ताजियेदार हाइवे से हटने को तैयार नहीं हुए. और शाम 6 बजे से लेकर रात 12 बजे तक हाइवे को बंधक बनाकर रखा.



आखिर ताजियेदारों ने क्यों किया ऐसा

दरअसल कलारी गांव के ताजियों को विवादित गांव खजुरिया से होकर निकालने को लेकर विवाद था. ग्रामीणों का कहना था कि कलारी के ताजिये हमेशा से हिंदू बाहुल्य गांव खजुरिया ब्रम्हनान से होकर निकलते है. लेकिन खजुरिया के ग्रामीणों का कहना है ये नई परम्परा है जिसे हम नहीं पड़ने देंगे.

खजुरिया के ग्रामीणों ने रास्तों पर मिट्टी भरी ट्रालियां रख कर रोड बन्द कर दिया. जैसे ही अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने क्रेन से ट्रालियों को हटवाया और विरोध कर रहे ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया इसके अलावा एक दर्जन ग्रामीणों को गिरफ्तार भी कर लिया.



खजुरिया के ग्रामीणों ने क्यों किया विरोध

दरअसल खजुरिया के ग्रामीणों को मुस्लिम बाहुल्य गांव उमरिया से कांवड़ नहीं निकालने दी गई थी तभी से ये विवाद चला आ रहा था. यही कारण है कि इस बार मोहर्रम में खजुरिया के ग्रामीणों ने ताजिये नहीं निकलने देने का फैसला किया. हालांकि इसको लेकर सियासत भी जमकर हुई.

2 दर्जन गांव के ताजियेदारों ने हाइवे पर लगाया जाम

करीब 2 दर्जन गांव के हजारों लोगों ने हाइवे पर ताजिये लाकर जाम लगा दिया. हाइवे पर जाम लगने की सूचना मिलते ही मौके पर डीएम वीरेंद्र सिंह और एसएसपी मुनिराज पहुंचे. करीब 6 घण्टे तक हाइवे पर जाम लगा रहा. काफी कहने के बाद लोगों ने सड़क से हटने का निर्णय लिया.

जाम करीब 6 बजे शाम को लगा जो रात 12 बजे हटा. वहीं ताजियेदारो का कहना है कि कलारी गांव के ताजिये हमेशा से ही खजुरिया गांव होकर जाते थे लेकिन इस बार उमरिया गांव से कांवड़ नही निकलने दी गई जिस वजह से खजुरिया गांव के लोगों ने ताजिये भी नही निकलने दिए.



डीएम ने कहा कुछ गलतफहमियां की वजह से स्थिति हुई तनावपूर्ण

वहीं इस मामले में डीएम वीरेंद्र सिंह का कहना है कि ताजियेदारों में कुछ गलतफहमियां थीं. उन्हें ये पता चला था कि कुछ जगह ताजियों को आने नहीं दिया गया है. लेकिन कुछ ताजिये देर से पहुंचे जिसके बाद सभी लोग मान गए और वो शांति पूर्वक अपने अपने घर चले गए. डीएम का कहना है कि सुबह से ही अफवाहों का बाजार गर्म था. जिस वजह से हम और एसएसपी लगातार सभी विवादित जगहों पर गए और सभी जगहों पर शांतिपूर्वक जुलूस निकलवाया है.

खुफिया विभाग भी कर चुका था अलर्ट

सावन महीने में जब खजुरिया ब्रम्हनान गांव के लोगों को उमरिया गांव के लोगों ने कांवड़ नहीं निकालने दी थी उसी वक्त ग्रामीणों ने ये तय कर लिया था कि वो अब ताजिये भी किसी भी कीमत पर नहीं निकलने देंगे. कांवड़ मामले में बिथरी चैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल कहा था कि कांवड़ उमरिया से ही निकलेगी लेकिन जिला प्रसासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी जिस वजह से कांवड़ यात्रा निरस्त कर दी गई थी.