पुलिस लाठीचार्ज में मरने वाले टीचर के परिजनों को मिले 50 लाख रूपये मुआवजा: BJP
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को पुलिस लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले शिक्षक के परिजनों को 50 लाख रूपये की आर्थिक मदद देने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि अखिलेश सरकार के समय प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल है. ऐसी सरकार को सत्ता में एक भी क्षण रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास पहले ही धरना प्रदर्शन की जानकारी थी. इसके बावजूद प्रदर्शन को शान्तिपूर्ण तरीके से नियंत्रित न कर पाना सरकार की प्रशासनिक अक्षमता है.
दिवंगत शिक्षक के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा
केशव प्रसाद मौर्य ने दिवंगत शिक्षक के परिजनों को 50 लाख रूपये मुआवजे के साथ घायल शिक्षकों को नि:शुल्क इलाज तथा पांच पांच लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की. प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग भी की.
मृतक अश्रितों को दो लाख रूपये देने की घोषणा महज नाटक
मौर्य ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा नोटबन्दी पर मृतक अश्रितों को दो लाख रूपये दिये जाने की घोषणा को महज नाटक बताते हुए कहा कि किसानों को अखिलेश सरकार ओलावृष्टि और सूखा राहत तक का पैसा तो अब तक बांट नहीं पायी, धान क्रय केन्द्र नहीं खुले, गन्ना मिलें चालू नहीं हुई, किसान बदहाल है, किसान आत्महत्या कर रहा हैं उसकी चिन्ता मुख्यमंत्री को नहीं है.
अखिलेश यादव से इस्तीफे की मांग
इस बीच राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने भी शिक्षकों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह घटना अंग्रेजों के शासनकाल की तानाशाही दिखा रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस प्रकरण पर इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि समाजवादी शासन का दंभ भरने वालों का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है. मुख्यमंत्री की नाक के ठीक नीचे पुलिस का लाठियां भांजना और उसमें एक शिक्षक की मौत तथा कई अन्य का घायल होना निन्दा का विषय है.