एमपी: प्रदेश के सतना जिले की एक कोर्ट ने चार साल की बच्ची के साथ रेप करने के मामले में 23 वर्षीय सरकारी अतिथि शिक्षक को बुधवार को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. रेप की घटना के 81वें दिन में यह फैसला आया है. पिछले 79 दिनों से यह पीड़ित बच्ची दिल्ली के एम्स में भर्ती है जहां उसकी हालत अब भी खराब है.
प्रथम अपर सत्र और जिला कोर्ट नागौद के एडीजे दिनेश कुमार शर्मा ने चार साल की बच्ची का अपहरण कर रेप करने के मामले में महेंद्र सिंह गोंड को दोषी करार देते हुए उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई है.
धारा 376 (क, ख) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत दिया मृत्युदंड
लोक अभियोजक रामपाल सिंह ने फोन पर मीडिया को बताया कि कोर्ट ने उसे भादंवि की धारा 376 (क, ख) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई है. धारा 376 (क, ख) में 12 साल से कम की बच्ची के साथ मृत्युदंड का प्रावधान हाल ही में किया गया है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अदालत ने महेंद्र को भादंवि की धारा 363 के तहत 7 साल सश्रम कारावास और 5000 रूपये के जुर्माना लगाया है.
सिंह ने बताया कि रेप की यह घटना सतना जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर उचेहरा थाना क्षेत्र के पन्ना गांव में एक जुलाई की रात को हुई थी. अपने घर के बाहर सो रही बच्ची को महेंद्र अगवा कर ले गया था और दुष्कर्म करने के बाद उसे सुनसान इलाके में फेंक दिया था.
अपहरण के वक्त पीड़ित बच्ची के पिता शौच के लिए घर से बाहर गये थे
लोक अभियोजक ने कहा कि जब बच्ची का अपहरण किया गया उस वक्त पीड़ित बच्ची के पिता शौच के लिए घर से बाहर गये थे. जब वह शौच करके लौटे तो उसे बच्ची घर से गायब मिली, जिसके बाद उसने गांव वालों के साथ उसकी खोज की. फिर दो जुलाई को तड़के बच्ची गंभीर हालत गांव के पास ही सुनसान इलाके में मिली थी.
सिंह ने बताया कि महेंद्र सिंह गौड परसमनिया पठार गांव का रहने वाला है. उन्होंने कहा कि आरोपी और पीड़ित मासूम के घर की दूरी करीब एक किलोमीटर है और पारिवारिक रिश्ते भी हैं. उसे दो जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था.
यह भी पढ़ें-
गोवा: कांग्रेस के सरकार बनाने के प्रयासों के बीच बीएल संतोष और राम लाल से मुलाकात करेंगे शाह
बीजेपी का बड़ा आरोप, कांग्रेस के दफ्तर में किलो के हिसाब से पहुंचाया गया हवाला का रुपया
नरेंद्र मोदी की हुकूमत में तानाशाही एक पेशा बन गया है: राहुल गांधी