पटना: शनिवार की रात औरंगाबाद में हुए नक्सली हमले के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी बड़ा बयान दिया है. मांझी ने कहा है कि सभी नक्सली राजनीति से प्रेरित नहीं होते, 90 फीसदी लोग लाचारी में नक्सली बनते हैं क्योंकि हमने उन्हें घर और शिक्षा नहीं दी. उनकी बहु-बेटियों को सुरक्षित नहीं रखा और उन्हें अपमानित किया.


मांझी ने कहा कि वो अपमान का बदला लेने के लिए नक्सली बनते हैं लेकिन वो हमारे ही लोग हैं. मांझी ने कहा कि हमारा फर्ज बनता है कि हम उन्हें विकास, सौहार्द्र, प्रेम और भाईचारे का न्यौता देकर बातचीत कर सकते हैं. उन्हें मुख्यधारा में ला सकते हैं. बंदूक का जवाब सिर्फ बंदूक से ही नहीं दिया जा सकता.



हालांकि मांझी के इस बयान से आरजेडी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. आरजेडी नेता और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने जीतन राम मांझी के बयान को गलत बताया है. तेज प्रताप ने कहा कि मांझी जी को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था. तेज प्रताप ने कहा कि नक्सलियों से सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि राजनेता और वीआईपी भी प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली किसी के भाई नहीं हो. अगर मांझी उनके भाई हैं तो जाकर नक्सलियों का हथियार छुड़वा दें. हालांकि तेज प्रताप ने ये जरूर कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रही और उन्हें ठगा जा रहा है.


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