पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शादी के कुछ महीनों के भीतर ही पत्नी ऐश्वर्या से तलाक की अर्जी कोर्ट में दे दी है. बिहार सरकार में मंत्री रह चुके तेजप्रताप ने मामले पर कहा है कि घुट-घुट के मरने से अच्छा है लड़ाई लड़ें. तेज प्रताप यादव के इस अचानक निर्णय से परिवार समेत सभी लोग आश्चर्य में हैं. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि यह कलह पारिवारिक कारणों से उत्पन्न हुआ है.


लोगों का यह भी कहना है कि तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव के बढ़ते कद से उतने परेशान नहीं हैं जितने परिवार और पार्टी के अंदर घट रही हैसियत से तनाव में हैं. अपनी इस परेशानी को वह अपने फेसबुक, ट्विटर पर बताते रहे हैं. खासकर शादी के बाद तेज प्रताप यादव ने खुलकर बोलना शुरू कर दिया है. परिवार और पार्टी के अंदर उनकी नहीं सुने जाने से वह अंदर ही अंदर घुट रहे थे.


इस घुटन को उन्होंने आज सबके सामने कबूल किया. परिवार के सूत्रों का कहना है कि ऐश्वर्या और तेजप्रताप के बीच शादी के पन्द्रह दिनों के बाद से ही बातचीत कम होने लगी थी. मुंबई में पिता लालू यादव के इलाज़ के दौरान दोनों साथ-साथ मिलने गए थे, लेकिन उसके बाद दोनों कहीं साथ नहीं गए. लालू जबतक बेल पर पटना में घर पर रहे दोनों के रिश्ते की नोंकझोक कम करते रहे थे. लालू यादव जब रांची जेल चले गए उसके बाद तेज प्रताप को संभालने वाला कोई नहीं रहा.


इसके बाद तेज प्रताप बिहार से ज़्यादा वृंदावन और मथुरा में वक्त गुजारने लगे. इस दौरान तेज प्रताप या तो अकेले घूमते थे या फिर अपने दोस्तों के साथ कहीं जाते थे. वो अपनी बीवी ऐश्वर्या के साथ कहीं नहीं जाते थे. इस चीज की परिवार वालों और रिश्तेदारों के बीच भी चर्चा होती थी. परिवार के लोगों को अनुमान था कि समय के साथ रिश्ता ठीक हो जाएगा, लेकिन यह और बिगड़ गया. अब तेज प्रताप ने कोर्ट में तलाक की अर्जी दे दी है.


इस मामले के बाद पार्टी समेत परिवार में बवाल मच गया है. मामले पर लोगों की अलग-अलग राय हैं. किसी का कहना है कि यह तेज प्रताप की सोची समझी चाल है. लोग यह भी कह रहे हैं कि तेज प्रताप ने परिवार और पार्टी के अंदर खुद के वर्चस्व को कायम करने के लिेए जानबूझकर ऐसा किया है. पेशे से वकील आशुतोष रंजन पांडे का कहना है कि एक साल से पहले तलाक की अर्जी मंजूर ही नहीं हो सकती है ऐसे में ये एक धमकी ही है. उनका कहना है कि यह परिवार के अंदर राजनीतिक टकराव है. वकील रंजन पांडे कहते हैं कि परिवार में जिस तरह भाइयों, बहनों में विवाद चल रहा यह वर्चस्व की लड़ाई दिख रही है.


कानून के जानकारों की क्या है राय


वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में अदालत भी सुलह कराने की कोशिश करती है. कानून विद और पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील अंशुमान पांडे ने बताया कि "तलाक की अर्जी तेज प्रताप यादव के हिन्दू होने के कारण हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत दायर की गई होगी. उनका कहना है कि तेज प्रताप की शादी को अभी 1 साल भी नहीं हुए हैं ऐसे में तलाक की अर्जी नहीं दी जा सकती. इसका प्रावधान हिन्दू विवाह अधिनियम के अंदर नहीं है. उन्होंने कहा कि शादी के एक साल के अंदर तलाक की अर्जी किसी विशेष परिस्थिति में ही दी जा सकती है और उसके लिए स्पेशल लीव ऐप्लिकेशन दाखिल करना होता है.


स्पेशल लीव ऐप्लिकेशन पर कोर्ट विचार करती है कि अर्जी को एडमिट किया जाए या नहीं. बिना उस अर्जी को एडमिट किये हुए और कारण बताए कोर्ट तलाक की अर्जी स्वीकार नहीं करेगी. सामान्य परिस्थिति में अगर एक साल से ज्यादा समय हुआ है तो तलाक की अर्जी यदि मैटर ऑफ राइट के तहत दाखिल होता है, लेकिन आज की तारीख में जो उन्होंने तलाक की अर्जी दी है वो मैटर ऑफ राइट नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप की अर्जी पर कोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई होने के बाद ही ये तय होगा कि यह अर्जी आगे बढ़ेगी कि नहीं.


स्पेशल लीव के लिए पटना हाईकोर्ट ने एक रूल बना रखा है. उस रूल में यह नियम है कि अर्जी हाईकोर्ट में बढ़नी चाहिए. अगर तेज प्रताप को जल्दी है तो वो हाईकोर्ट जा सकते हैं अगर नहीं तो कोर्ट में आवेदन दे सकते हैं. न्यायालय रेफरेंस के माध्यम से इस मामले पर जो सुनवाई होगी वो स्पेशल लीव पर ही होगी, तलाक की अर्जी पर नहीं. कानूनन तलाक की अर्जी पर सीधे सुनवाई नहीं हो सकती, अगर शादी को एक साल पूरे नहीं हुए हैं.


कानूनविद अंशुमान पांडे का कहना है कि तेज प्रताप के वकील ने अगर समझदारी की होगी तो उन्होंने स्पेशल लीव के लिेए अर्जी लगाया होगा. अगर उन्होंने यह नहीं किया होगा तो इसे धारा 14 हिन्दू मैरेज एक्ट के अंदर दायर किया होगा. उन्होंने कहा कि हिन्दू मैरेज एक्ट में हर लेवल पर कोंसोलेशन का प्रावधान किया गया है. हिन्दू विवाह अधिनियम में पति और पत्नी दोनों को तलाक लेने का अधिकार प्राप्त है. मेल को 10 ग्राउंड्स हैं और फीमेल्स को 14 ग्राउंड्स हैं जिनके आधार पर तलाक लिया जा सकता है. सामान्यतः दो ग्राउंड्स पर ज्यादातर केसेज होते हैं जिनमें cruelty का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है.


मामले पर विपक्षी पार्टी ने कसा तंज


जेडीयू ने तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय को बिहार की बेटी बता लड़की के परिवार के प्रति सहानुभूति दिखाई है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि लड़की के परिवार पर वज्रपात हुआ है. ये परिवार में राजनीतिक लड़ाई है. तेजस्वी यादव ने बिहार के कितने नेताओं पर कितने व्यक्तिगत हमले किए उसका आज जवाब मिल रहा है. हालांकि, आरजेडी के नेता फिलहाल इस झगड़े को तूल नहीं दे रहे हैं.


हालांकि, अब परिवार का कलह खुलकर सबके सामने आ गया है. कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम में तेज प्रताप की बड़ी बहन मीसा भारती ने भी खुलकर कहा था कि दोनों भाइयों के बीच झगड़ा है. इस मुद्दे पर बड़ा सवाल है कि आखिर इस कलह को हवा कौन दे रहा है. मीसा भारती के कभी पीए रहे अभिनन्दन ने एबीपी न्यूज़ से कहा था कि परिवार में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई है. तेजप्रताप को किनारे करने की कोशिश है. कूछ लोग आस्तीन के सांप हैं जिसमें उन्होंने तेजस्वी के साथ रहने वाले मनी प्रकाश यादव और उसके दो भाइयों का भी नाम लिया.


परिवार के सामने मुश्किल


मीसा भारती कभी खुलकर इन मामलों पर सामने नहीं आई हैं पर वो इशारों में बहुत कुछ कहती रही हैं. परिवार के अंदर का कलह सबके सामने है. तेजप्रताप का तलाक नामा पटना में नहीं बल्कि दिल्ली में ड्राफ्ट हुआ था. आखिर कौन लोग हैं जो दिल्ली में बैठकर उनकी मदद कर रहे. इस कलह को खत्म करने की बड़ी जिम्मेदारी मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती पर भी है.


तेजप्रताप के साथ कई मौके ऐसे आए जब उनकी बात पार्टी में अनसुनी कर दी गई. एक बार वो एक कार्यकर्ता को पार्टी में पद देना चाहते थे पर उनकी बात अनसुनी कर दी गई थी. इसके बाद वो काफी नाराज हो गए थे. उन्होंने अपने फेसबुक पर सीनियर नेताओं के खिलाफ बहुत कुछ पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर लिख दिया था.


पत्नी के साथ अनबन और फिर पार्टी में अपनी गिरती साख को आरजेडी के नेता भी समझने लगे हैं. ऐसे में तेजप्रताप से कार्यकर्ता भी किनारा करने लगे हैं. कई बार सन्यास लेने की बात कह चुके तेजप्रताप ने अब तलाक का इतना बड़ा फैसला ले लिया है. अब मुसीबत लालू यादव के सामने है कि तेजप्रताप को कैसे मनाएं. इससे पहले भी पिता लालू यादव से बात मनवाने के लिए तेजप्रताप कई उल्टे-सीधे काम करते रहे हैं.


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