पटना: बिहार में विपक्ष के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर मज़दूरों के नाम पर घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार पूर्णतः बेनक़ाब हो चुकी है. तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा,'' बिहार सरकार बाहर फंसे मज़दूरों को वापस नहीं लाना चाहती. इसी कारण 47 दिन से वेतन और राशन के अभाव में भूख से मर रहे श्रमिकों को पहले किराया नहीं दिया और जब कोई राज्य सरकार बिहारी मज़दूरों को भेजना चाहती है, तो उनसे संवाद स्थापित करने में आनाकानी कर रही है. कह रही है.


तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए आगे कहा, ''बिहारी अप्रवासी श्रमिक भाई वापस अपने घर नहीं आ सके इसलिए नीतीश सरकार द्वारा जानबूझकर जटिल नियम बनाए जा रहे हैं. नीतीश सरकार कहती है कि 47 दिन से बिना वेतन और राशन के दूसरे प्रदेशों में मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक और भावनात्मक शोषण के शिकार श्रमिक किसी से उधार लेकर अपना किराया दें. फिर हम उन्हें 21 दिन क्वॉरंटीन करेंगे. उसके बाद उन्हें किराया देंगे.''


उन्होंने आगे कहा,'' अब महत्वपूर्ण बात यह है कि 90 फीसदी क्वॉरंटीन सेंटरों में खाने-पीने, साफ़-सफ़ाई, बिछावन, शौचालय-पंखे इत्यादि की कोई सुविधा नहीं. स्थानीय अधिकारियों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से मज़दूरों को मजबूर किया जाता है कि वो वहां से भाग जाएं. सरकार के ऐसे पशुवत व्यवहार से तंग होकर अप्रवासी श्रमिक वहां से भाग भी रहे हैं. इसी बहाने सरकार मज़दूरों को कथित किराया और 500 रू अतिरिक्त देने की राशि बचाती है. लेकिन दूसरी तरफ कुछ अधिकारी 21 दिन क्वॉरंटीन के नाम पर मजदूरों के आवासन और भोजन व्यवस्था इत्यादि पर प्रति व्यक्ति 24000 रुपये की निकासी कर संगठित सुशासनी भ्रष्टाचार रूपी गंगा में डुबकी लगा रहे हैं.''


तेजस्वी यादव ने कहा,''आदरणीय नीतीश जी ने क्वॉरंटीन केंद्रों में मीडिया का प्रवेश इसलिए वर्जित किया है ताकि उनका झूठ, लूट, कुशासन, अव्यवस्था और भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो सके. अन्यथा मीडिया पर रोक का क्या मतलब? अगर आप अच्छा कर रहे है तो मीडिया जरूर अच्छा दिखाएगा. नीतीश जी, आप पूर्णतः बेनक़ाब हो चुके है.''