बिहार: मांझी से जुड़े सवाल पर तेजस्वी ने कहा- हर कोई अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र है
मंगलवार को जीतन राम मांझी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की. कयास लगाए जाने लगे कि मांझी महागठबंधन छोड़ सकते हैं. जब तेजस्वी यादव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर कोई स्वतंत्र है.
पटना: बिहार में विपक्षी महागठबंधन में बुधवार को तब ताजा संकट उत्पन्न हो गया, जब आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा और एक-दूसरे के लिए किये एहसानों को गिनाया.
यह घटना तब हुई जब एक दिन पहले मंगलवार देर रात मांझी ने मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात की. उससे कुछ घंटे पहले मांझी ने आरजेडी को 31 मार्च तक गंठबंधन के सभी पांच भागीदारों के प्रतिनिधियों को शामिल कर एक समन्वय समिति गठित करने की उनकी मांग को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी पर तंज कसा जब एक संवाददाता सम्मेलन में उनकी मांग को लेकर सवालों की बौछार की गई. तेजस्वी ने कहा, ‘‘वह (मांझी) शायद भूल गए हैं कि समन्वय समिति वास्तव में बनी हुई है. नहीं तो उनके बेटे आरजेडी कोटे से विधान परिषद के लिए कैसे चुने गये .’’
गौरतलब है कि पहले एनडीए के साथ रहने वाले मांझी मार्च, 2018 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे. हम के संस्थापक मांझाी अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक हैं. आरजेडी की मदद से मांझी के बेटे संतोष कुमार मांझी को विधान परिषद में भेजा गया.
तेजस्वी यादव को इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया गया है, जो महागठबंधन के सहयोगी दलों को आरजेडी का ‘‘एकतरफा’’ कदम लग रहा है. तेजस्वी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें तीन सीटें लोकसभा चुनाव में और एक सीट विधानसभा उपचुनाव में दी थीं. उन्हें याद रखना चाहिए कि एनडीए में उनके लिए क्या प्रस्ताव था.’’
ऐसे संकेत हैं कि यदि 31 मार्च तक हम प्रमुख की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह महागठबंधन में बने रहने को लेकर मंथन सकते हैं. इसको लेकर पूछे गए सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘‘हर कोई अपने रास्ते चुनने के लिए स्वतंत्र हैं.’’
इससे नाराज होकर मांझी ने भी तुरंत एक संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं आरजेडी के पास कोई महागठबंधन में प्रवेश के लिए अर्जी लेकर नहीं आया था. तेजस्वी यादव को शायद उन घटनाओं के बारे में जानकारी नहीं है. उन्हें अपने पिता लालू प्रसाद से पूछना चाहिए. आरजेडी नेतृत्व ने मुझसे आने के लिए विनती की थी. इसको लेकर उनसे कम-से-कम 50 बार फोन पर बातचीत हुई थी.’’
हम अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रसाद ने अररिया लोकसभा सीट और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों में आरजेडी की जीत की संभावनाओं को मजबूत करने के लिए महागठबंधन में शामिल होने के लिए आग्रह किया था.
हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि पिछले दिन नीतीश कुमार के साथ उनकी मुलाकात एनडीए में लौटने के उनके इरादे का संकेत है. मांझी ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार के साथ मेरी मुलाकात व्यक्तिगत थी. लेकिन, जब दो दलों के नेता मिलते हैं, तो थोड़ी बहुत राजनीति पर भी चर्चा होती ही है.’’