पटनाः आज बिहार की राजनीति में पोस्टर नहीं बल्कि ज़ुबान चली और वो भी लिखित में. सुबह सुबह तेजस्वी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया तो रात होते होते नीतीश के मंत्री और प्रवक्ता ने जवाबी हमला कर दिया.


तेजस्वी ने नीतीश पर कहा कि किस तरह बिहार के सीएम नीतीश ने आरएसएस-बीजेपी के सामने आत्मसर्पण कर दिया है. तेजस्वी ने लिखा कि "नीतीश कुमार जी ने पूरी तरह से आरएसएस-बीजेपी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. उन्होंने तब सीएए/एनपीआर/एनआरसी पर केंद्र समर्थन देने के बावजूद बात भी नहीं की थी और अब आरक्षण नीति के ख़त्म करने पर भी घातक रूप से चुप है.


तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार एकमात्र ऐसे नेता हैं जिनके पास कोई सिद्धांत और विचारधारा नहीं है लेकिन केवल एक ही उद्देश्य है. वो अब थक कर लक्ष्यहीन और अदूरदर्शी हो चुके है. 60 फीसदी युवा आबादी वाले राज्य में विकास और नए विकसित बिहार का कोई लक्ष्य, सपना और रोडमैप नहीं है. आख़िर कब तक हम पिछड़ा और ग़रीब राज्य रहेंगे? अब तो केंद्र और राज्य दोनों जगह एक ही गठबंधन की सरकारें है? 15 वर्ष शासन करने के बाद भी ये लोग क्यों बताते कि बिहार को कैसे आगे बढ़ायेंगे.


तेजस्वी के ट्वीट पर संजय सिंह का जवाब


तेजस्वी के इस ट्वीट का जवाब जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने दिया. संजय सिंह ने लिखा कि तेजस्वी यादव आपके पास घोटाला करने का दृष्टिकोण है. गबन करने का दृष्टिकोण है. लोगों को धोखा देने का दृष्टिकोण है. अवैध रूप से अकूत संपत्ति रखने वाले लोग बिहार के युवाओं को क्यों नहीं बताते कि आपने इतने कम उम्र में इतनी संपत्ति कैसे कमाई? कौन सा उद्योग धंधा आपने किया? आपके दादा-दादी नाना-नानी माता-पिता कहां के जमींदार थे ? जो इतनी संपत्ति आपके लिए छोड़ गए. जरा जवाब दीजिए, हिम्मत है जवाब देने का.


अपनी शर्तों पर करते हैं राजनीति


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी शर्तों पर राजनीति करते हैं. इस बात को कई बार हम बता चुके है .इस बात को आप भी समझ लीजिए, आरक्षण किसी की जागीर नहीं है कि कोई खत्म कर दे. आरक्षण जरूरतमंदों के लिए है और उस आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो रहा है. क्योंकि आपके पास कोई मसला, मुद्दा नहीं है तो आप ढोल पीट रहे हैं आरक्षण आरक्षण का. आरक्षण था, आरक्षण है और आरक्षण रहेगा. इस बात को समझ लीजिये.


मंगल पांडे ने तेजस्वी यादव पर बोला हमला


नीतीश कैबिनेट के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने तेजस्वी पर कहावतें कह पलटवार किया. महागठबंधन में चेहरे को लेकर रार पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा विपक्ष का हाल इन दिनों ‘तीन बंगाली और तेरह चूल्हा’ वाला है. दर्जनों विधायक व नेता-कार्यकर्ता आरजेडी को बाय-बाय करेंगे.


मंगल पांडेय ने कहा कि महागठबंधन को बिहार में खोजने पर भी अभी तक कोई चेहरा नहीं मिल सका है. महागठबंधन के क्रमशः तीन सहयोगी दलों आरएलएसपी, हम और वीआईपी ने आज नया शिगूफा छोड़ा है. ऐसे दलों के लिए समाजवादी नेता शरद यादव महागठबंधन के नेता के रूप में फिट दिखते हैं, लेकिन कांग्रेस को उनका नेतृत्व रास नहीं आने वाली है. वैसे भी 2000 के विस चुनाव में धोखा खा चुकी कांग्रेस वर्तमान में महागठबंधन से साफ इंकार कर विषम स्थिति में सभी सीटों पर लड़ने की बात कह रही है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वार्थ के लिए बना महागठबंधन जनता के लिए किस कदर सटीक बैठेगा.


बिहार: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को याद आए पुराने जख्म, महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं