पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ दिए गए बयान पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि यह राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है, जहां हमें जनता चुनकर भेजती है. तेजस्वी ने जहां नीतीश कुमार से अपने बेटे को राजनीति में नहीं आने को लिखकर देने की मांग की तो जेडीयू ने भी पलटवार करते हुए तेजस्वी से उनकी संपत्ति का ब्यौरा लिखकर मांगा है.

तेजस्वी ने बुधवार को नीतीश के बयान पर तंज कसते हुए ट्विटर पर लिखा, "नीतीश चच्चा कहते हैं कि युवा राजनीति में परिवार की वजह से हैं. वह बताएं, उन्होंने कितने युवाओं को मौका दिया ह. ये खोखली और पलटीमार बातें बंद करिए. और हां, स्टैंप पेपर पर लिखकर दें कि आपका बेटा राजनीति में नहीं आएगा."


नीतीश पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है. ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, "चाचा समझिए, हमें जनता चुनकर भेजती है. ये राजतंत्र नहीं, लोकतंत्र है."

इस ट्वीट के जवाब में जेडीयू ने भी तेजस्वी पर पलटवार किया. जेडीयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद ऐसे परिवार से आते हैं, जिस परिवार के छह सदस्यों पर भ्रष्टाचार, बेनामी संपत्ति, मनी लॉन्डरिंग का दाग है. उन्होंने तेजस्वी को 'ट्वीटर बउआ' कहते हुए कहा, "आप स्टैंप पेपर पर लिखकर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देंगे? आप लिख कर देंगे कि आपके पिता लालू प्रसाद चारा घोटाले में नहीं शामिल थे."

नीरज कुमार ने तेजस्वी पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा, "दूसरे युवाओं को छोड़िए आपको और आपके भाई तेजप्रताप यादव को जो बिहार में मंत्री बनने का सौभाग्य हुआ वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही देन है."

गौरतलब है कि मंगलवार को नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा था, "आज लोग अपनी काबिलियत के बल पर नहीं, परिवार के बल पर राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं. पद मिलते ही धनार्जन के पीछे भागते हैं." मुख्यमंत्री ने तेजस्वी के ट्विटर पर सक्रिय रहने पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, "उन्हें कुछ करना नहीं है, बस रोज किसी मुद्दे पर चार-पांच ट्वीट कर देना है."