तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना, कहा- 53 दिन बाद भी अपने श्रमवीरों को सुरक्षित घर नहीं पहुंचा पाए, धिक्कार है
तेजस्वी यादव ने प्रेस रिलीज जारी किया और कहा कि अगर यह मजबूत सरकार 53 दिन बाद भी अपने श्रमवीरों को सुरक्षित घर नहीं पहुंचा सकती तो धिक्कार है.
पटना: पटना वापस आने के बाद आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने पहला वीडियो जारी किया. इस वीडियो में बाकायदा जगह का नाम लिखा था. वीडियो के ऊपर पटना, बिहार लिखा हुआ है. अपने वीडियो सन्देश में तेजस्वी काफी आक्रामक दिख रहे हैं. आवाज़ में गुस्सा दिख रहा है.
इस वीडियो में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा, " नीतीश कुमार जी बाहर निकलिए , आप मुख्यमंत्री हैं जायज़ा लीजिए. क्या व्यवस्था है ये बताइए. इनको जल्द से जल्द लाने की व्यवस्था करिए.''
तेजस्वी वीडियो के साथ अपना प्रेस रिलीज भी जारी किया और उसमें कहा,''अगर यह मजबूत सरकार 53 दिन बाद भी अपने श्रमवीरों को सुरक्षित घर नहीं पहुंचा सकती तो धिक्कार है. मज़दूर भाईयों ने 35 दिन सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया. जहां थे भूखे-प्यासे वहीं रहे लेकिन किसी ने उनकी कोई सुध नहीं ली. जब उन्होंने वापसी की मांग की तो इन्होंने हाथ खड़े कर दिए. अपने राज्य के नागरिकों के साथ कोई सरकार ऐसे कैसे कर सकती है? क्या ग़रीब मज़दूर भाईयों की इस दशा की जिम्मेवार डबल इंजन सरकार नहीं है? भारतीय रेलवे के पास 12000 से अधिक रेलगाड़ियां हैं और रेलवे की प्रतिदिन 2 करोड़ से अधिक लोगों को लाने-ले जाने की क्षमता है. सरकार सभी नियमों का पालन करते हुए क्यों नहीं युद्धस्तर पर उस सेवा का उपयोग करती?''
तेजस्वी ने आगे कहा,'' भारत मां के प्यारे श्रमिकों को सरकार द्वारा दोयम दर्जे का नागरिक क्यों समझा जा रहा है? क्या ऐसी दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का जिम्मेवार सरकार नहीं है? दुर्घटना में मारे गए श्रमिको के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. भगवान मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करे.''
जेडीयू नेता अजय आलोक ने किया पलटवार जेडीयू नेता अजय आलोक ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए कहा,'' अरे भाई तेजू बाबा हमने सुना है कि आप लोगों ने पार्टी के नेता, कार्यकर्ता को निर्देश दिया है कि जो बाहर से प्रवासी लोग आ रहे हैं उन्हें आप लोग अपने पार्टी का सदस्य बना ले. जरूर बनाइए. ये बहुत अच्छी बात है पर उन्हीं नेता, कार्यकर्ता को ये भी निर्देश दे देते कि जो आ रहे हैं उनकी थोड़ी मदद कर दे. मान ले अगर कैमूर से ही किसी को कहीं और जाना है तो उसके लिए गाड़ी और थोड़ा खाने पीने की व्यवस्था कर दीजिए. थोड़ा कैश ही कर दीजिए. पर ये सब तो कीजियेगा नहीं. बस सदस्य बना लेते हैं.आखिर कब तक ये घटिया राजनीति काजियेगा.''