पटना:  बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ी चाल चलते हुए सूबे की जनता से अपने माता-पिता के 15 साल के शासनकाल लिए माफी मांगी है.


तेजस्वी यादव ने एक सभा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "ठीक है 15 साल हम लोग सत्ता में रहे, पर हम सरकार में नहीं थे, हम छोटे थे. फिर भी हमारी सरकार रही. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि लालू प्रसाद यादव के राज में सामाजिक न्याय नहीं हुआ. 15 साल में हमसे कोई कमी या भूल हुई थी तो हम उसके लिए माफी मांगते हैं.''


नेता प्रतिपक्ष के इस बयान के बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है. सत्ता पक्ष के नेता तेजस्वी के इस बयान को लेकर उन्हें घर रहे हैं. साथ ही उनसे कई सवाल भी पूछ रहे हैं, इस क्रम में बिहार के सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी अपने माता पिता के 15 वर्ष के शासनकाल में हुए गुनाहों के लिए माफीनामा दे रहे हैं. माफी तो मिलने से रही, पर बताना पड़ेगा कि आखिरकार गुनाहगार है कौन?


उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जिस लालूवाद को विचारधारा मान पालन कर रहे हैं, उस लालूवाद के कार्यकाल में ही तो 118 नरसंहार हुए. अपराध, अराजकता और भ्रष्टाचार जिसकी पहचान रही है. क्या तेजस्वी यादव इसी गुनाह पर कबूल माफीनामा प्रस्तुत कर रहे हैं. इन्हें चाहिए कि स्पष्ट रूप से स्वीकारें कि हां, इन सब के गुनाहगार मेरे माता पिता ही हैं. इसमें शर्मींदगी क्यों?


नीरज सिंह ने कहा, “तेजस्वी यादव आपका तो यह दोहरा चरित्र है कि एक ओर अपने माता पिता के कार्यकाल के गुनाहों की माफी मांगते हैं, दूसरी तरफ आपने खुद अपराधियों के पक्ष में लोकसभा चुनाव में प्रचार किया थे. आखिर इस गुनाह के लिए कब माफी मांगगे ?


इधर, बिहार बीजेपी प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा है, "तेजस्वी किस मुंह से माफी मांग रहे हैं? क्या लालू प्रसाद ने कभी माफी मांगी है? तेजस्वी की ओर से आरजेडी शासनकाल की गलतियों को स्वीकार करने से बेहतर है कि लालू प्रसाद अपना पक्ष खुद पेश कर अपनी तमाम गलतियों को बताएं और माफी मांगे. तेजस्वी की माफी सिर्फ एक चुनावी स्टंट है जिसके झांसे में बिहार की जनता नहीं आने वाली है.


निखिल आनंद ने तेजस्वी से सवाल पूछते हुए कहा कि, "चीन- पकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों के लिए देश की जनता उन देशों को माफ नहीं करेगी. कश्मीर की बर्बादी और सिख दंगों को लिए कांग्रेस को भी देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी. ठीक उसी तरह 15 सालों के शासनकाल की गलतियों के लिए आरजेडी को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी.


वहीं, सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट कर तेजस्वी को घेरा और कहा कि लालू प्रसाद का 15 साल का शासनकाल बिहार का अंधकार काल था. एक तरफ विकास ठप था, तो दूसरी तरफ दलित-पिछड़े और व्यवसायी मारे जा रहे थे. गांव और शहर, दोनों जगह रोजगार खत्म होने के कारण पति-पत्नी के राज में लाखों लोगों को दूसरे राज्यों में महज दो वक्त की रोटी के लिए पलायन करना पड़ा.


सुशील मोदी ने कहा, “लालू प्रसाद ने गरीबी और हिंसा देकर बिहार को शर्मसार किया, लेकिन इसमें उन्हें गलती कभी नजर नहीं आई, इसलिए न पश्चताप किया, न माफी मांगी. जनता को ही उन्हें दंडित करना पड़ा. उनके राज में सड़कें जर्जर, पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा, गांव अंधेरे में डूबे और शहरों को भी मुश्किल से 12 घंटे बिजली मिलती थी.


डिप्टी सीएम ने कहा, “एनडीए के 15 साल में फोरलेन सड़कें, फ्लाइओवर, महासेतु और कई जगह पुराने पुल के समानान्तर नए सेतु बनने से विकास तेज हुआ. बिजली न केवल 24 घंटे मिलने लगी, बल्कि हर गांव तक पहुंची. नये मेडिकल कालेज, IIT, निफ्ट के पटना कैंपस खुले, दो केंद्रीय विश्वविद्यालय, एक लॉ यूनिवर्सिटी और नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बिहार को मिले. एनडीए ने बिहार को देश में तेज विकास दर हासिल करने वाला राज्य बनाया. जिस परिवार ने शासन और राजनीति के अपने शर्मनाक माडल को " लालूवाद " कहकर महिमामंडित किया, उसके किसी व्यक्ति के माफी मांगने का कोई मतलब नहीं.”


यह भी पढ़ें:


Kanpur Encounter: राहुल गांधी ने योगी सरकार को घेरा, बोले- यूपी में 'गुंडाराज'