नई दिल्लीः तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और बिहार सरकार के ऊपर करारा वार किया है. उन्होंने मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस कांड को लेकर सत्ता में बैठे लोगों पर निशाना साधा है और ताबड़तोड़ ट्वीट कर नीतीश और उनकी सरकार से जवाब मांगा है. दरअसल जेडीयू ने तेजस्वी यादव की 'एनडीए भगाओ, बेटी बचाओ' साइकिल यात्रा को लेकर कहा था कि वो स्टंट कर रहे हैं और कानून अपना काम कर रहा है. अपनी साइकिल यात्रा को स्टंटबाजी बताए जाने को लेकर तेजस्वी ने जवाब में ये ट्वीट किए हैं.
तेजस्वी यादव ने आज ट्वीट में लिखा कि मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर नीतीश कुमार इस कदर मेहरबान थे कि जिस दिन ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई, उसी दिन उसको ‘मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना’ के तहत एक और अल्पावास का टेंडर दे दिया गया. चाचा जी, ये रिश्ता क्या कहलाता है.
एनडीए के करीबी ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ ट्वीट करने के अलावा तेजस्वी ने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि जो लंगूर चोर दरवाज़े से सत्ता मे बैठकर अंगूर खा रहे है वो बहन-बेटी की ईज्जत बचाने के लिए शुरू सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम को स्टंट बता रहे हैं. शायद ऐसे लंगूरों को बच्चियों के साथ घिनौने दुष्कर्म करने वाले लोगो से कुछ पेट भरने को मिलता होगा. लानत है ऐसा समाज बनाने वाले बयानवीरों पर.
नीतीश जी के बयानवीर डाइनिंग दोस्तों, महिलाओं की ईज्जत बचाने वाले ‘स्टंट’ करने के लिए कलेजा चाहिए होता है जो आपके डरपोक नेता में नहीं है. इन्हें तो एक छत के नीचे 34 बच्चियों के साथ बलात्कार करने वाले और उन पापी दरिंदो को बचाने वाले समाज सेवक लगते है. शर्म करों, शर्म!
नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस मामले को सीबीआई के हवाले किया है.
जेडीयू इसलिए विपक्ष के निशाने पर है क्योंकि मुजफ्फरपुर रेप केस में गिरफ्तार ब्रजेश ठाकुर नाम का शख्स एनडीए से जुड़ा रहा है. साल 2000 में वो चुनाव भी लड़ चुका है. बिहार के रसूखदार नेताओं के साथ उसका उठना बैठना रहा है. ब्रजेश ठाकुर ही उस एनजीओ का संरक्षक है जिस एनजीओ के हवाले बच्चियों की देखभाल की जिम्मेदारी थी.
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