पटना: एनआरसी मुद्दे पर पूरे देशभर में चर्चा हो रही है. इस बीच बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि वे कुछ दिनों में इस मामले पर अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें क्या प्रावधान (क्लाउजेज) हैं, ये सब देखने के बाद ही कुछ कहना उचित होगा, लेकिन सबसे बड़ी बात इंसानियत की होती है. उन्होंने कहा कि इंसानियत से बड़ा और कुछ नहीं होता.


तेजस्वी यादव ने कहा, ''अगर हमारे देश के जितने एनआरआई विदेशों में हैं, उनके साथ अगर ऐसा व्यवहार होता है तो वे कहां जाएंगे. बीजेपी की सोच के चलते दलितों को उनका अधिकार नहीं दिया जाता है. इंसानियत को देखते हुए क्या-क्या सही रहेगा, सुरक्षा को देखते हुए हम क्या स्टैंड लेंगे, अध्ययन के बाद ही कह पाएंगे.''



आरजेडी नेता ने कहा कि हमारे देश के राष्ट्रपति रहे फकरुद्दीन साहब के परिवार का नाम भी इस लिस्ट में नहीं है. संसद में बहस चल रही है. देखिए कौन क्या कहता है. हम अपने सांसदों से भी बात करेंगे, उनकी क्या राय है. उसके बाद हम अपनी पार्टी का ऑफिशियल बयान देंगे. संसद में अमित शाह के बयान पर तेजस्वी ने कहा कि वे उनसे पूछना चाहते हैं कि अच्छे दिन कब आएंगे.

क्या कहता है एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट?


असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन की दूसरी ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन कर दिया गया. जिसके मुताबिक कुल तीन करोड़ 29 लाख आवेदन में से दो करोड़ नवासी लाख लोगों को नागरिकता के योग्य पाया गया है, वहीं करीब चालीस लाख लोगों के नाम इससे बाहर रखे गए हैं. NRC का पहला मसौदा 1 जनवरी को जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे. दूसरे ड्राफ्ट में पहली लिस्ट से भी काफी नाम हटाए गए हैं.


बोरवेल में गिरी बच्ची के लिए प्रार्थना करते हैं, वो जल्द बाहर आए: तेजस्वी यादव


उधर बिहार के मुंगेर जिले में बोरवेल में बच्ची के गिरने की घटना पर उन्होंने कहा, ''हम प्रार्थना करते हैं कि बच्ची स्वस्थ्य हो. वह सुरक्षित बाहर निकलकर अपने माता-पिता के गोद में जल्द से जल्द खेले. इस दृश्य का हम लोगों को इंतजार है. ये बड़ा दुखद लगता है कि ऐसी घटनाओ में खासतौर पर बच्चे ही शिकार होते हैं. जब भी निर्माण कार्य होता है तो प्रशासन को अपनी निगरानी में पूरा करा लेना चाहिए. जिस जगह घनी आबादी है, पता है कि वहां बच्चे खेलते -कूदते हैं, और उसमें गिर जाते हैं. दूसरे राज्यो में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं. कहीं ना कहीं से हम सब लोगों की गलती है कि घटनाओं के बाद भी नहीं सीखते हैं. कामना है कि बच्ची सुरक्षित बाहर निकल जाए. ये जितने हादसे हो रहे हैं, इससे हम कुछ सीखें.''