पटना: मुजफ्फरपुर शेल्टर हाऊस कांड को लेकर तेजस्वी यादव ने 4 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ धरना देने का एलान किया है. अब इस पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने निशाना साधा है. सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने जब मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेकर दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर है, तब इस पर राजनीति करने की कोई जगह नहीं बचती. फिर भी अगर तेजस्वी यादव दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना चाहते हैं, तो वे केवल बिहार को शर्मसार करेंगे.


सुशील मोदी ने ट्वीट किया, ''राज्य सरकार ने जब मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी और जब सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर दोषियों को सजा दिलाने के लिए तत्पर है, तब इस पर राजनीति करने की कोई जगह नहीं बचती. फिर भी अगर तेजस्वी यादव दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना देना चाहते हैं, तो वे केवल बिहार को शर्मसार करेंगे. इस मुद्दे पर वे साइकिल रैली का हस्र पहले ही देख चुके हैं. पोस्टर ब्याय बनने के लिए कोई शंकर का रूप धर रहा है, कोई धरना देने वाला है.''


सुशील मोदी ने कहा, ''राज्य के सभी महिला अल्पावास केंद्रों की जांच का जिम्मा स्वयं राज्य सरकार ने टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) को सौंपा था. उसकी रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी भी सरकार ने ही दर्ज करायी थी. मामला सीबीआई को सौंपने से पहले 10 लोगों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल की जा चुकी थी. जांच की मानीटरिंग के लिए हाई कोर्ट से आग्रह किया जाएगा. पीड़ित बालिकाओं को न्याय दिलाने की प्रक्रिया में विपक्ष का कोई रोल नहीं रहा.''


सूशील मोदी ने अपने एक दूसरे ट्वीट में कहा, ''लालू प्रसाद और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं को बताना चाहिए कि कांग्रेस से नजदीकियों के बावजूद पिछले 27 साल से वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा क्यों नहीं दिला सके. वे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उस एनडीए सरकार के खिलाफ गोलबंदी करते रहे, जिसने लोकसभा में 123 वां संविधान संशोधन बिल पारित करा कर ऐतिहासिक कदम उठाया. आने वाली नस्लें पिछड़ों-दलितों को धोखा देने वालों को भी याद रखेंगी.''