तेजस्वी की नीतीश को चेतावनी-21 दिसंबर को बंद के दौरान लाठी डंडे न बरसाएं वरना अंजाम बुरा होगा
लखनऊ में हुए विरोध प्रदर्शन पर तेजस्वी का कहना है कि लोकतंत्र में अगर कोई पलिटिकल पार्टी हो या आम आदमी का सबको विरोध दर्ज करने का अधिकार है.
पटनाः आरजेडी के 21 दिसंबर यानि शनिवार को बिहार बंद के मद्देनजर आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने नीतीश सरकार को चेतावनी दी. तेजस्वी ने कहा कि उनका बंद शांतिपूर्ण होगा अगर उनके कार्यकर्ताओं पर लाठी डंडे बरसाए गए तो ठीक नहीं होगा. आज देश खतरे में है, संविधान खतरे में है और देश व संविधान बचने के लिए हमलोग ने 21 दिसंबर को बिहार बंद करने का ऐलान किया है. आरजेडी पहली पार्टी थी जिसने इस बिल के विरोध में पहले बैठने का काम किया. हम सरकार के लोगो को चेता देना चाहते हैं कि अगर कहीं डंडे बरसाने का काम किया तो हम शांतिपूर्ण ढंग से बिहार बंद करने का काम कर रहे हैं और हमारे पार्टी द्वारा भी ये निर्देश दिया गया है अगर थोड़ा सा भी नीतीश कुमार चालाकी करेंगे तो उसका अंजाम बुरा होगा.
लखनऊ में हुए विरोध प्रदर्शन पर तेजस्वी का कहना है कि लोकतंत्र में अगर कोई पलिटिकल पार्टी हो या आम आदमी का सबको विरोध दर्ज करने का अधिकार है. आप लोगों ने साफ तौर पर देखा होगा कि जो हमारी पार्टी ने गाइडलाइन दिए हैं कि एम्बुलेंस या स्कूली छात्रों को लेकर या जितनी भी इमरजेंसी सेवाएं है खासतौर पर किसी को दिक्कत नही आनी चाहिए. ये हम लोगों की जिम्मेदारी है और प्रशासन तथा शासन की जिम्मेदारी है कि कैसे वो लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करता है. लेकिन जिस प्रकार का माहौल पूरे देश में है, पूरा देश जल रहा है और ये देश इस वजह से जल रहा है क्योंकि भारत जलाओ पार्टी इस देश को जलाना और तोड़ना चाहती है. इसके विरोध में जो लोग हैं अब जब हमको और आपको भी देश के नागरिकता का प्रमाण देना पड़ेगा ये केवल मुसलमानों की बात नही है ये सबों के लिए है आप किसी आदिवासी से पूछे तो वो कहां से लाएंगे कागजात तो ये सीएए और एनआरसी जो बिल है वो पूरी तरीके से इंटरलिंक है, ये एनआरसी के लिए सीएए किया गया है.
नीतीश कुमार की हालत सौ चूहे खाने के बाद की बिल्ली जैसी तेजस्वी ने नीतीश कुमार की मुसलमानों को दिए गए भरोसे पर कहा कि ‘100 चूहे खाकर बिल्ली चली हज को’ वाली हालत है. नीतीश कुमार जी थोड़े दिनों पहले अपने रुदाली जैसे रोने का काम कर रहे थे और रुदाली का मतलब ये होता है कि राजा महाराजा के घर कोई मरता है तो वो भाड़े पर रुदाली बुलाकर रुलवाने का काम करते थे, पहले तो इन्होंने रुदाली से रुलवाने का काम किया और अब वे खुद रुदाली के भूमिका में आ गए हैं तो ये रो किस बात के लिए रहे हैं.
नीतीश कुमार को जनता याद दिलाएगी जालसाज़ी का परिणाम तेजस्वी ने आगे सीएम नीतीश को लेकर कहा कि इनको याद करने की जरूरत है कि 2012-13 में जब आपने बीजेपी छोड़ी थी तो वो भारत जलाओ पार्टी थी अब बीजेपी उनके लिए ठीक हो गई है. आप बीजेपी और आरएसएस की गोद मे बैठकर बोल रहे हैं कि आप धर्मनिरपेक्ष हैं. हम किसी को कुछ नही होने देंगे और पार्लियामेंट में क्या दिखा तो कोई करनी पर जाएगा या कथनी पर? इनकी करनी ऐसी थी कि राज्यसभा और लोकसभा दोनो सदनों में इन्होंने खुलकर वोट दिया है पक्ष में और ये बयान दे रहे हैं कि विपक्षी लोग भड़का रहे हैं.
क्या प्रशांत किशोर ने जो किया क्या वो भी लोगों को भड़का रहे थे, कौन भड़का रहा था? प्रशांत किशोर रुदाली के तरह रो रहे थे तो उनको घर बुलाकर कहते हैं कि आपका स्टैंड ठीक है आप अपने बात पर कायम रहिये और किसी की बात पर आपको ध्यान देने की जरूरत नहीं है. क्या उन्हीं के पार्टी के लोग भड़का रहे थे और ये जवाब उनको देना होगा, नीतीश कुमार को अभी और रोना है और अभी चीख चीख कर वो और रोयेंगे, अब बिहार की जनता अनाड़ी नही है. जो इनके जालसाजी में फंस जाएगी.
मुस्लिमों के बहाने दलित-पिछड़े पर बीजेपी का निशाना तेजस्वी ने बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमान एक बहाना है बीजेपी के लिए. उन्होंने कहा कि जो बाहर के लोग हैं पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोग अगर आते हैं तो भारत सरकार कागज बनवाएगी. जो हमारे देश में ही है उनके लिए कोई कागज नही बनेगा तो उनको बाहर किया जायेगा. ये अंदर बाहर का क्या खेल है और ये क्यों लाया जा रहा है ये सभी जानते हैं. ये मुसलमान एक बहाना है असली निशाना दलित और पिछड़े हैं. वहीं उन्होंने ममता बनर्जी के स्टैंड को ठीक बताते हुए कहा कि इसमें ज्यादा डिटेल पता करेंगे कि क्या है और हम ममता बनर्जी के सारे बयानों को देखकर ही कुछ बताएंगे.