नई दिल्ली: आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) नेता तेजस्वी यादव ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर कंप्यूटर आधारित रेल परीक्षा पर फिर से विचार करने और बिहार के गरीब छात्रों को उनके गृह जिलों के नजदीक परीक्षा केन्द्र दिए जाने की मांग की. आरजेडी नेता का आरोप है कि परीक्षा केन्द्र दूर होने पर परिक्षार्थियों को मानसिक और शारीरिक परेशानी से गुजरना पड़ता है.
छात्रों पर पड़ती है रेल टिकट के कीमत की मार
तेजस्वी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि नौ अगस्त को होने वाली परीक्षा के लिए अपने परीक्षा केन्द्र पर जाने में कैंडिडेट्स को 1,500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और केवल रेल टिकटों में ही एक-एक परीक्षार्थियों को करीब दो से तीन हजार रुपया खर्च करना पड़ेगा.
सफर से पड़ती है क्षमता पर मार
तेजस्वी ने कहा, ‘‘इतनी दूरी तय करने के बाद क्या अभ्यर्थी परीक्षा देने की स्थिति में होंगे? इसके अलावा भारतीय रेल हमेशा लेटलतीफ मानी जाती है. ऐसे में कैंडिडेट्स को दो दिन पहले अपने परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचना पड़ेगा. तब उन्हें रुकने के लिए जगह तलाशनी होगी.’’
महिला उम्मीदवार नहीं दे पातीं परीक्षा
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ मामलों में सप्ताह में केवल एक दिन ट्रेन होने के मामले में कैंडिडेट्स को अपने परीक्षा की जगह पर एक सप्ताह पहले पहुंचना पड़ता है. ऐसे मामलों में महिला अभ्यर्थी परीक्षा में लगभग नहीं ही बैठ पाएंगी.’’ उन्होंने गोयल से कैंडिडेट्स को होने वाले इस तरह की परेशानी को लेकर सवाल उठाया.
रेलवे ने दी सफाई
तेजस्वी ने मंत्री से परीक्षा प्रक्रिया पर फिर से सोचने और कैंडिडेट्स को घर के करीब परीक्षा केंद्र देने का अनुरोध किया. इससे पहले रेलवे ने एक सफाई जारी की जिसमें बताया गया कि लोको पायलट और तकनीशियनों के लिए नौ अगस्त को परीक्षा में शामिल होने वाले 71 प्रतिशत कैंडिडेट्स को उनके गृह शहरों के 200 किलोमीटर के भीतर ही परीक्षा केन्द्र दिया गया है.
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