(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
तेजस्वी यादव का बंगला जबरदस्ती खाली कराने पहुंची टीम, गेट पर चिट्ठी देख बैरंग लौटी
प्रशासन जैसे ही बंगला खाली करवाने पहुंचा तो वहां दरवाजे पर ताला लटका हुआ था और एक चिट्ठी लटकी मिली. लेटर देखने के बाद फिलहाल प्रशासन रुक गई. जिसके बाद प्रशासन की टीम इस मामले पर कुछ भी कहने से बच रही है.
पटना: बिहार में सरकारी बंगले को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. पटना के 5 देशरत्न मार्ग स्थित नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का सरकारी बंगला खाली कराने के लिए बुधवार की सुबह जिला प्रशासन की टीम पहुंची. हालांकि तेजस्वी यादव की तरफ से मामला हाईकोर्ट में होने की दलील दिए जाने के बाद प्रशासन को खाली हाथ बैरंग लौटना पड़ा.
तेजस्वी यादव को ये बंगला बतौर उपमुख्यमंत्री आवंटित किया गया था लेकिन महागठबंधन की सरकार गिरने के बाद ये बंगला मौजूदा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को आवंटित कर दिया गया. मामला उस समय गरमा गया था जब सरकार ने आदेश दिया कि यह बंगला तेजस्वी यादव को खाली करना होगा. लेकिन सरकार के इस आदेश के बाद तेजस्वी यादव हाईकोर्ट चले गए. हाईकोर्ट में सिंगल बेंच ने सुनवाई की जहां से आदेश मिला कि तेजस्वी यादव को बंगला खाली करना होगा. जिसके खिलाफ तेजस्वी डबल बेंच में गए जहां ये मामला अभी भी लंबित है और 10 दिसंबर को इस मामले में सुनवाई है. तेजस्वी सवाल उठा रहे हैं कि जब मामला न्यायालय में लंबित है तो सरकार जबरदस्ती बंगला खाली कराने पर क्यों अड़ी हुई है.
दरअसल 23 नवम्बर को भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने अपने बयान में दावा किया था कि तेजस्वी यादव को हाईकोर्ट की डबल बेंच में भी मुंह की खानी पड़ी है और इसीलिए उन्होंने जिला प्रशासन को बंगला जबरदस्ती खाली कराने का आदेश दिया है. लेकिन आज जैसे ही जिला प्रशासन की टीम तेजस्वी के बंगले पर पहुंची, उन्हें गेट पर ताला लगा हुआ मिला और साथ ही तेजस्वी की तरफ से जारी किया गया वो लेटर भी चिपकाया गया था जिसमें ये जानकारी दी गई थी कि ये मामला अभी भी हाईकोर्ट में लंबित है.
तेजस्वी के आप्त सचिव ने हाईकोर्ट में अप्लाई किया गया एलपीए उपलब्ध कराया जिसके बाद प्रशासन की टीम बैरंग वापस लौट गई. इस दौरान तेजस्वी यादव का बंगला खाली कराने आई जिला प्रशासन की टीम को आरजेडी नेताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा.
तेजस्वी यादव का बंगला खाली कराने आये अधिकारी भी हैरान-परेशान दिखे. जिलाधिकारी की तरफ से उन्हें घर खाली कराने का निर्देश दिया गया था लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें जानकारी मिली कि मामला तो न्यायालय में लंबित है. अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे हालांकि अधिकारी कपिलेश्वर मंडल ने जानकारी दी कि उन्हें डीएम की तरफ से बंगला खाली कराने का आदेश मिला था लेकिन जब हम यहां आए तो चिपकाया हुआ लेटर मिला, अब हमें जैसा आदेश दिया जाएगा वैसा करेंगे. और थोड़ी ही देर बाद अधिकारियों को वापस लौटने का आदेश मिल गया.
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान तेजस्वी यादव घर पर मौजूद नहीं थे. वे पिछले कई दिनों से दिल्ली में थे और जिस वक्त उनके घर के बाहर ये सबकुछ हो रहा था वो दिल्ली से पटना की फ्लाइट में थे. जब तक वो पटना पहुंचे अधिकारी वापस जा चुके थे लेकिन पटना पहुंचने के बाद तेजस्वी नीतीश कुमार और बिहार सरकार पर जमकर बरसे. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमरा को 2-2 बंगले आवंटित हैं. नीतीश कुमार को एक बंगला छोड़ देना चाहिए. उन्हें दिल्ली में भी बंगला मिला हुआ है. साथ ही नीतीश कुमार पर नकारात्मक राजनीति करने की बात कही.
तेजस्वी यादव ने कहा आगे कहा कि हम तो नीतीश कुमार का धन्यवाद देते हैं कि उनकी वजह से ही हम नेताप्रतिपक्ष बने और हमें खुद को साबित करने का मौका मिला. इसका जवाब सूबे की जनता देगी, नीतीश कुमार यात्रा शुरू करने वाले हैं और ये उनकी बतौर मुख्यमंत्री आखिरी यात्रा होगी. बंगले को मोह नीतीश कुमार को है तभी उन्होंने इतने बंगले रखे हुए हैं. अगर मैं सुशील मोदी के बंगले में चला भी जाऊं तो इस बात की क्या गारंटी है कि 10 दिन बाद दुबारा से बंगला न बदल दिया जाए.
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