पटना: मुंगेर लोकसभा सीट से महागठबंधन से उम्मीदवारी की बाट जोह रहे बाहुबली विधायक अनंत सिंह को तगड़ा झटका लगा है. आरजेडी नेता और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने महागठबंधन में अनंत सिंह की एंट्री पर बैन लगा दिया है. तेजस्वी ने साफ कर दिया है कि महागठबंधन में 'अनंत कथा' का कोई सवाल ही नहीं है.
तेजस्वी ने कहा 'नो एंट्री'
दरअसल बीते मंगलवार को ही दिल्ली से पटना लौटे बाहुबली विधायक अनंत सिंह का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया था. अनंत सिंह ने उसी दिन मुंगेर लोकसभा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का एलान किया था, जिसपर खूब सियासी घमासान मचा. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और महागठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी ने पहले तो अनंत सिंह का स्वागत किया लेकिन फिर मामला बिगड़ता देख अपने बयान पर सफाई दी.
अनंत सिंह महागठबंधन में आने के लिए किस कदर बेताब थे. उसका अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि बीते कुछ दिनों में अनंत सिंह ने लालू यादव के कसीदे पढ़े हैं. अनंत सिंह ने कहा कि लालू राज में वो सुरक्षित महसूस करते थे, जबकि नीतीश के शासन में तो उनपर दर्जनों केस लाद दिए गए. अनंत सिंह के रुख से ऐसा लग रहा था जैसे आरजेडी में उनकी किसी से बात हो रखी है.
हालांकि आज तेजस्वी ने दो टूक कह दिया कि अनंत सिंह जैसे लोगों की उनकी पार्टी में न तो कोई जगह है और न ही कोई जरूरत. तेजस्वी ने कहा कि अनंत सिंह की विचारधारा उनकी पार्टी की विचारधारा के विपरीत है और वो 'बैड एलिमेंट' हैं. तेजस्वी ने दावा किया कि जो समाजिक न्याय के विरोधी हैं, उनका आरजेडी में स्वागत नहीं है.
खुद के पैरों पर कुल्हाड़ी नहीं मारना चाहते तेजस्वी
दरअसल सिर्फ मुंगेर ही नहीं बल्कि आस-पास के इलाकों में आरजेडी की पूरी राजनीति अनंत सिंह के खिलाफ ही टिकी हुई है. पिछले चुनाव में अनंत सिंह का विरोध कर लालू ने अपने वोटरों को गोलबंद करने में सफलता हासिल की थी. अब वही अनंत सिंह अगर आरजेडी में शामिल हो जाएंगे तो तेजस्वी की राजनीति ही संकट में आ जाएगी. तेजस्वी ये बात समझते हैं और यही कारण है कि उन्होंने सीधे शब्दों में महागठबंधन के दरवाजे अनंत सिंह के लिए बंद कर दिए हैं.
हालांकि अनंत सिंह ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर महागठबंधन उन्हें टिकट नहीं देता है तो वो निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरेंगे. मुंगेर लोकसभा सीट से जेडीयू की तरफ से नीतीश कुमार के बेहद करीबी और मंत्री ललन सिंह के लड़ने की पूरी संभावना है. हालांकि अनंत सिंह और ललन सिंह के रिश्ते काफी अच्छे हैं और दोनों ही एक-दूसरे के खास माने जाते हैं.
अनंत सिंह पहले जेडीयू के भी विधायक रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में लालू यादव के कहने पर महागठबंधन से अनंत सिंह का टिकट काट दिया गया था लेकिन वो निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की. फिलहाल जो स्थिति है उससे तो यही लगता है कि अनंत सिंह को 2019 में लोकसभा चुनाव निर्दलीय ही लड़ना पड़ेगा.
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