पटना: छोटे भाई तेजस्वी यादव के साथ अनबन की खबरों पर तेजप्रताप ने सफाई दी है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से कहा कि पार्टी कुछ वरिष्ठ नेताओं के जरिए भाई-भाई से लड़वाने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी उनका अर्जुन है और वो उसे गद्दी पर बैठाएंगे. हालांकि पार्टी में कुछ अराजक तत्व हैं और वही लोग षड्यंत्र रच रहे हैं. तेजप्रताप ने कहा कि पार्टी से उनकी कोई नाराजगी नहीं है.


उन्होंने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी को छोड़कर पार्टी में अन्य सीनियर लोग षड्यंत्र रचते हैं. ऐसे लोगों को पार्टी में बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है. बता दें कि तेजस्वी यादव आरजेडी की छात्र ईकाई के अध्यक्ष हैं. इसे लेकर ही दोनों भाइयों में मनभेद है.


तेजप्रताप ने कहा कि छात्र आरजेडी को पहले भी महत्व नहीं दिया जा रहा था. अब भी छात्र नेताओं को ध्यान नहीं दिया जा रहा है. हमारे साथ कुछ दलित नेता जुड़े थे, उनकी इच्छा थी कि उन्हें पद दिया जाए. लेकिन जो मेहनत कर रहा है उसे पार्टी में स्थान नहीं दिया जा रहा है.


जेडीयू का तंज


वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की पार्टी और परिवार की नाराजगी पर जेडीयू ने तंज कसा है. जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा, "भाई-भाई के बीच कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई है. बड़ा बेटा होने के बाद भी तेज़ प्रताप यादव को पार्टी और परिवार में दबाया गया, सम्मानित पद नहीं दिया गया और उसी का नतीजा है कि पिछले तीन साल का दर्द तेज़ प्रताप के बयान में छलक गया." सिंह ने कहा कि आरजेडी में टूट की शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जब लड़ाई शुरू हुई है तो उसका अंत भी होगा. किसी की पत्नी की महत्वाकांक्षा होती है कि उसके पति की पूछ हो, ज़ाहिर है ऐश्वर्या को तेज़ प्रताप की हालत देखकर अच्छा नहीं लगता होगा."


शनिवार को तेजप्रताप ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने लिखा, ''मेरा सोंचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊँ. अब कुछेक "चुग्लों" को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं. राधे राधे''. इस ट्वीट के बाद माना जा रहा है कि तेजप्रताप ऐसे लोगों को सबक सिखाने की कोशिश जो उन्हें परेशान कर रहे हैं.


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