नई दिल्ली: कर्नाटक के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार ने 1 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया है. हालांकि उनके परिसरों में एक साथ 10 से ज्यादा लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संक्रमण के चलते सभी तरह के धार्मिक स्थलों, उद्योग, धंधों को बंद कर दिया गया था. बता दें कि पूरे देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन है. अब तक लॉकडाउन के तीन चर पूरे हो चुके हैं. चौथे चरण की मियाद भी 31 मई को खत्म होने वाली है.


लॉकडाउन के हर बीतते चरण के साथ केंद्र सरकार की तरफ से थोड़ी थोड़ी रियायतें दी जा रही हैं. हाल ही में हुई बैठक में केंद्र ने रियायतें देने का फैसला राज्या सरकारों पर छोड़ दिया था. इसी कड़ी में अब पश्चिम बंगाल सरकार ने ये फैसला लिया है.


इससे पहले कर्नाटक सरकार ने मंदिर खोलने के आदेश दिए थे. वो भी तब जब राज्य में 2000 से ऊपर मामले पहुंच चुके हैं. मंदिरों को खोलने की मांग के साथ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने राज्य के मदुरै और तिरूचि में प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि सरकार अब मंदिरों को खोलने की इजाजत दे.


कर्नाटक सरकार ने 1 जून से मंदिरों को खोलने का निर्णय लिया है. हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा. मंदिरों के पुजारी और भक्त दोनों ही लगातार मंदिर खोलने की मांग कर रहे थे. कर्नाटक में करीब 34,500 मंदिर 1 जून से भक्तों के लिए खुल जाएंगे.


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