देहरादून: उत्तराखंड में सोमवार को धार्मिक स्थलों को भक्तों के लिए खोल दिया गया है. हालांकि, चारधाम, देहरादून नगर निगम और कंटेनमेंट जोन के मंदिरों को अभी नहीं खोला गया है. मंदिरों में भक्तों ने पूजा-अर्चना की, लेकिन कोरोना के खौफ के चलते श्रद्धालुओं की भीड़ कम रही.


नीलकंठ मंदिर भी नहीं खुला
ऋषिकेश स्थित प्राचीन व पौराणिक नीलकंठ मंदिर भी सोमवार को नहीं खुला. नीलकंठ मंदिर के महंत सुभाष पुरी ने स्थानीयों के साथ मंदिर को लेकर सहमति बनाई हुई है. साथ ही मंदिर के ना खोले जाने के फैसले को लेकर प्रशासन को भी बता दिया गया है.


हालांकि, पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर व कुंजापुरी सिद्धपीठ मन्दिर धार्मिक अनुष्ठानों के बीच खुल गए. उधर, हरिद्वार में भी मठ, मंदिर तथा गंगा घाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये, यहां भी काफी कम संख्या में श्रद्धालु पूजा करने के लिए आए. गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि कोरोना वायरस के डर के कारण श्रद्धालुओं का आगमन बहुत सीमित संख्या में हो रहा है.





बदरीनाथ धाम यात्रा 30 जून तक स्थगित
चारधामों में से एक बदरीनाथ धाम में पंडा पुजारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते फिलहाल यात्रा को 30 जून तक स्थगित रखने का फैसला लिया है. गोपेश्वर में चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक बैठक में मंदिर व्यवस्था से जुड़े लोगों ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया. जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि बैठक में सभी पक्षों की ओर से फिलहाल यात्रा को रोके जाने की राय थी. उन्होंने बताया कि 30 जून तक बदरीनाथ मंदिर में यात्रियों का प्रवेश स्थगित रखे जाने की सिफारिश चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भेजी जा रही है और उनके निर्णय से ही आगे की व्यवस्थाएं होंगी.


बदरीनाथ मंदिर के अलावा यमुनोत्री, जागेश्वर, चितई गोलू देवता आदि मंदिरों के पुजारियों ने भी सरकार से फिलहाल यात्रा स्थगित रखने का सरकार से आग्रह किया है.


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