नई दिल्ली: इन दिनों बिहार में एक नई सियासी तस्वीर उभरकर सामने आ रही है. यह तस्वीर NDA द्वारा राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटों के जीतने के बाद की तस्वीर से बिलकुल अलग है. दरअसल बिहार में इस बार NDA ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 40 में से 39 सीटें जीती थी. एक बार फिर नीतीश कुमार और बीजेपी की जोड़ी को जनता का भरपूर साथ मिला लेकिन चुनाव परिणाम आते ही कई ऐसी बातें हुई जो इस तरफ इशारा करती है कि जेडीयू और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. पीएम मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के दिन से आज तक बीजेपी और सहयोगी जेडीयू के बीच कई ऐसी घटनाएं हुई है जो दोनों दलों के बीच रिश्तों में खटास की ओर इशारा कर रही है. क्यों जेडीयू-बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा और कैसे राज्य में सियासी समीकरण आने वाले वक्त में बदल सकता है इस ओर कई बातें इशारा कर रही है. आइए जानते हैं उन बातों को...


1-मोदी कैबिनेट में जेडीयू का एक भी मंत्री नहीं (30 मई)


प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी ने जब पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिए मंत्रीमंडल का चुनाव किया तो पीएम मोदी समेत जिन 58 लोगों ने 30 मई को मंत्री पद की शपथ ली उनमें से एक भी जेडीयू का मंत्री नहीं था. जब इसको लेकर नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा बीजेपी नेतृत्व ने अन्य सहयोगी दलों की तरह जेडीयू को भी मात्र एक मंत्री-पद देकर मंत्रिमंडल में सांकेतिक हिस्सेदारी का जो प्रस्ताव दिया था, वह उनकी पार्टी को मंज़ूर नहीं हुआ. हालांकि किसी भी तरह की नारजगी की बात से उन्होंने इनकार किया.


2-जेडीयू मंत्रीमंडल विस्तार में बीजेपी नेताओं को नहीं मिली जगह (2 जून)


बिहार सरकार ने कैबिनेट का विस्तार किया लेकिन एक भी बीजेपी का विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ. ऐसे में फिर सवाल उठा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ है ? नीतीश कुमार के मुताबिक ये सब पहले से तय था, लेकिन, खबरों की माने तो मोदी कैबिनेट में जेडीयू को जगह नहीं मिली इसलिए नीतीश कुमार की कैबिनेट में बीजेपी विधायकों को जगह नहीं दी गई.


3-एक-दूसरे के इफ्तार पार्टी में नहीं हुए शामिल


रविवार को बिहार की राजधानी पटना में दोनों पार्ट‍ियों ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. लेकिन इन पार्ट‍ियों में दोनों ही दलों के नेताओं ने एक दूसरे की पार्टी से दूरी बनाई. बीजेपी का कोई बड़ा नेता नीतीश की इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचा. वहीं बीजेपी की इफ्तार पार्टी में कोई भी जेडीयू नेता नहीं पहुंचा.


नीतीश ने हज भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया. इसमें बीजेपी का तो कोई नेता नहीं पहुंचा, हां नीतीश के पुराने सहयोगी और हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने पहुंचकर सभी को चौंका दिया. जीतनराम का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गर्मजोशी से स्वागत किया. कुछ देर तक दोनों नेताओं में बातचीत हुई. इसके बाद मांझी के इफ्तार पार्टी में न सिर्फ नीतीश पहुंच बल्कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी पहुंची. हालांकि नीतीश आरजेडी नेताओं के चले जाने के बाद पहुंचे लेकिन इन मुलाकातों से एक बात तो साफ हो गई कि दावत ए इफ्तार के दौर में सूबे के राजनीतिक कुनबों के बीच की दूरियां कम होती दिखीं.


4-राबड़ी देवी का बड़ा बयान (5 जून)

एक तरफ बीजेपी और जेडीयू में सबकुछ ठीक न होने को लेकर कयासों का दौर जारी था तो वहीं 5 जून यानि मंगलवार को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ऐसा बयान दे दिया जो किसी और तरफ ही इशारा कर रही है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के महागठबंधन में आने पर कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जेडीयू महागठबंधन में आने की पहल करता है तो महागठबंधन इस पर विचार करेगा. इसके बाद फिर क्यास लगाए जाने लगे कि क्या नीतीश एकबार फिर बीजेपी का साथ छोड़ सकते हैं.


इन चार बातों को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. जेडीयू और बीजेपी भले ही सब कुछ अच्छा होने का दावा कर रहे हों, लेकिन बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम दोनों दलों के बीच पैदा हुए तनाव की पुष्टि कर रहा है.


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